दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है. CVC ने ‘शीशमहल’ ने जांच करने का आदेश जारी किया है. उनके 6 फ्लैग स्टाफ में बने सरकारी बंगले की विस्तृत जांच होगी. 8 एकड़ में फैले ‘शीशमहल’ की सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने सीपीडब्ल्यूडी को बंगले के निर्माण को लेकर लगे आरोपों की जांच करने कहा है. आप संयोजक पर 40,000 वर्ग फीट में बने हवेली के निर्माण में नियमों तोड़ने के आरोप लगे है.
गौरतलब है कि दिल्ली बीजेपी प्रेसिडेंट वीरेंद्र सचदेवा ने एलजी वीके सक्सेना से शिकायत की थी कि अरविंद केजरीवाल का बंगला 4 सरकारी संपत्तियों को गलत तरीके से मिलाकर बनाया गया है. इस प्रक्रिया को रद्द कर दिया जाना चाहिए. सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने दो पूर्व शिकायतों का संज्ञान लिया और पीडब्ल्यूडी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
बीजेपी विधायक के शिकायत पर जांच के आदेश
बता दें कि रोहिणी सीट से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सीवीसी को दी गई अपनी पहली शिकायत में आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (आठ एकड़) भूमि पर एक भव्य महल का निर्माण करने के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया. वहीं अपनी दूसरी शिकायत में बीजेपी विधायक ने 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की मरम्मत और आंतरिक साज-सज्जा पर जरूरत से अधिक खर्च किए जाने का आरोप लगाया था. इस शिकायत के आधार CVC ने सीपीडब्ल्यूडी विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली के सीएम रहते आप संयोजक अरविंद केजरीवाल साल 2015 से अक्टूबर 2024 तक इस बंगले में रहे थे. हालांकि इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) या इसके संयोजक केजरीवाल ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वहीं शपथ के बाद बीजेपी का सीएम इस बंगले में नहीं रहेगा.