संवाद सूत्रों के अनुसार, परमजीत सिंह पंजवड़ को लाहौर में कुछ बाइक सवारों ने निशाना बनाया. उसे बाइक पर आए हमलावरों ने लाहौर में जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी के अंदर घुसकर कई गोलियां मारीं. उसके बाद हमलावर वहां से फरार हो गए. बताया जाता है कि गोलियां लगने से पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई.
खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ था पंजवड़
परमजीत सिंह पंजवड़ खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) का सरगना था, जो कि एक आतंकी संगठन है. 90 के दशक से ही पंजवड़ पाकिस्तान में शरण लिए हुए था. वह पाकिस्तान में मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था. वह भारत विरोधी गतिविधियों में 90 के दशक से पहले भी सक्रिय था. बताया जाता है कि वह 1986 में पाकिस्तान गया था. जहां उसने लाहौर समेत कई ठिकाने बदले.
1999 में चंडीगढ़ में कराया था बम ब्लास्ट
भारतीय एजेंसियों के अनुसार, चंडीगढ़ में 30 जून 1999 में पासपोर्ट कार्यालय के पास जो बम ब्लास्ट हुआ था, वो खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवड़ ने ही कराया था. उस बम ब्लास्ट में 4 लोग जख्मी हो गए थे, जबकि कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा था. बम को स्कूटर की डिग्गी में रखा गया था.
इन नौ आतंकियों की लिस्ट में था शामिल
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की, जिसमें पंजवड़ का नाम शामिल था. उस लिस्ट में पंजवड़ के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के चीफ वधावा सिंह बब्बर का नाम भी था, जो तरनतारन में ही दासूवाल गांव का रहने वाला है.