किसान मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

राजनांदगांव पहुना। छत्तीसगढ़ की महामहिम राज्य पाल के नाम आज छत्तीसगढ़ भाजपा किसान मोर्चा ने कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा। ज्ञापन में मोर्चा ने 4 बिंदुओं में अपनी बात कही है। ज्ञापन में मांगें इस प्रकार हैं-
शासन द्वारा धान खरीदी हेतु मात्र 2 माह दिसंबर और जनवरी की समय सीमा नियत की गई है। जिसमें गत 28 29 दिसंबर और जनवरी के दूसरे सप्ताह में बेमौसम बारिश होने के कारण खरीदी प्रभावित हो गई है जिसके कारण प्रदेश भर के लगभग एक तिहाई से ज्यादा किसान अभी तक अपनी उपज की बिक्री नहीं कर पाए हैं। चूंकि धान खरीदी हेतु समय बहुत कम (मात्र 9 दिन) बचा है, ऐसी स्थिति में किसानों को धान बिक्री के लिए परेशान होना वाजिब है और उस से परेशान होकर किसान अपने धान को औने पौने दाम पर व्यापारियों को विक्रय करने हेतु मजबूर हो रहे हैं। अतः किसानों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए अनुरोध है कि धान खरीदी की समय सीमा में एक माह की अतिरिक्त वृद्धि किए जाने हेतु सरकार को निर्देशित करें।
बेमौसम बारिश के कारण रबी फसलें यथा चना, सरसों, लाख-लाखड़ी आदि का भारी नुकसान होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें व्याप्त हो गई है। अस्तु आग्रह है कि राज्य सरकार को आप निर्देशित करें कि भू राजस्व संहिता की धारा (64) के तहत राज्य सरकार प्रभावित किसानों को मुआवजा दिए जाने की तत्काल घोषणा करे एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के क्षति का आंकलन करा कर बीमा राशि का मुआवजा दिलाने की कृपा करेंगे।
चालू रबी फसल के लिए किसानों को यूरिया, डीएपी, पोटाश जैसे खाद के लिए भटकना पड़ रहा है अतः खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की कृपा करें। शासन द्वारा निर्धारित धान खरीदी नीति के अनुसार उपार्जन केन्द्रों से धान का
उठाव समयावधि में नहीं हो रहा है। नियमानुसार बफर लिमिट से ज्यादा धान भंडारित होने पर 72 घंटे के अंदर परिवहन किए जाने की अनिवार्यता है। किंतु उसका पालन वर्तमान सरकार द्वारा विगत प्रत्येक वर्षों में नहीं किया जा रहा है । जिसके कारण भारी शोर्टेज आने से किसानों का सेवा सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति दिन प्रति दिन कमजोर होती जा रही है। अतः आग्रह किया गया कि सरकार को धान खरीदी नीति के अनुसार धान का उठाव किए जाने हेतु निर्देशित करें। साथ ही अल्टीमेटम दिया गया है कि सभी मांग 10 दिवस के अंदर पूर्ण करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करें अन्यथा भाजपा किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी।

 

 

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