हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है. पार्टी की वरिष्ठ पार्टी नेता कुमारी शैलजा ने कांग्रेस को बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी पेश कर रही है. उन्होंने कहा कि लोगों की व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर महत्वाकांक्षाएं होती हैं.
सिरसा से लोकसभा चुनाव जीतने के महीनों बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के प्रमुख दलित चेहरे ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा का भी संकेत दिया. उन्होंने कहा कि वह राज्य में काम करना चाहती हैं, लेकिन इस मामले पर अंतिम फैसला हाईकमान करेगा.
कुमारी शैलजा ने गुटबाजी की बात को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आने पर सभी लोग एक कांग्रेस खेमे के रूप में जमीनी स्तर पर काम करते हैं. उन्होंने कहा, “मैं बहुत व्यावहारिक हूं और मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से जवाब दूंगी. किसी भी संगठन में हमेशा धक्का-मुक्की और अपनी जगह बनाने की होड़ लगी रहती है. यह किसी भी संगठन का हिस्सा है और यह हमेशा रहेगा. महत्वाकांक्षा, काम करना, अपनी जगह बनाने की होड़, ये सब है. लेकिन ये तभी तक है जब तक कि टिकट घोषित नहीं हो जाते. मैं यह भी कहूंगी कि जब चुनाव आते हैं, हर कोई जमीनी काम में जुट जाता है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या हरियाणा कांग्रेस में विभिन्न खेमे एक साथ आएंगे, उन्होंने कहा, “हर किसी की अपनी महत्वाकांक्षा है. यह कांग्रेस खेमा है. आखिरकार सभी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं.” उन्होंने वरिष्ठ नेताओं द्वारा चुनाव से पहले अलग-अलग प्रचार कार्यक्रम चलाने की गुटबाजी की बात को भी खारिज कर दिया, उन्होंने कहा कि वे सभी कांग्रेस के लिए ऐसा कर रहे हैं.
चुनाव के बाद गठबंधन की संभावना पर चर्चा करते हुए कुमारी शैलजा ने जोर देकर कहा कि कोई त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी. कांग्रेस को शानदार बहुमत मिलेगा. उन्होंने कहा, “हम जमीनी स्तर पर लोगों के संपर्क में हैं. वे पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ हैं. लोकसभा के नतीजे आए और विधानसभा चुनावों में भी बहुत अच्छे नतीजे आएंगे और हम सरकार बनाएंगे.”
‘हम क्यों नहीं?’
कुमारी शैलजा ने कहा, ‘‘उम्मीदें होती हैं. अगर कोई समुदाय या कोई भी, अपने आपको मुख्यमंत्री के रूप में पेश करता है और उम्मीद करता है, तो आज के दिन जागरूकता बढ़ चुकी है, SC समुदाय क्यों नहीं? इतना विश्वास होना चाहिए कि हम भी खड़े होकर कहें कि हम क्यों नहीं?’’
‘न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड’ हैं’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर और समुदाय के स्तर पर लोगों की महत्वाकांक्षाएं होती हैं. क्यों नहीं?’’
इससे पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 13 अगस्त को कहा था कि वह न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड’ हैं, लेकिन पार्टी को बहुमत मिलने पर आलाकमान मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा.
‘इस बार कोई खंडित जनादेश नहीं आएगा’
कुमारी शैलजा ने विधानसभा चुनाव बाद गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए यह भी कहा कि इस बार कोई खंडित जनादेश नहीं आएगा और कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा. हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीट के लिए 1 अक्टूबर को मतदान होगा. मतगणना 4 अक्टूबर को होगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका कोई अधूरा काम या लक्ष्य है तो उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से, राज्य में मेरी भूमिका है. मैं इस बारे में कोई संकोच नहीं करती.” उन्होंने यह भी कहा कि वह लंबे समय तक केंद्र में काम कर चुकी हैं और अब राज्य स्तर पर जाना चाहती हैं.
कुमारी शैलजा ने कहा, “केंद्र में मैंने बहुत राजनीति की है. अब राज्य स्तर पर मैं काम करना चाहती हूं. लोगों के काम राज्य से ज्यादा जुड़े होते हैं. इसलिए मैं राज्य में काम करना चाहती हूं. बाकी हाईकमान को आखिरकार फैसला करना है. लेकिन हां, मैं निश्चित रूप से ऐसा चाहती हूं.”