डोरंडा मामले में लालू प्रसाद यादव दोषी करार, इस तारीख को होगा सजा का ऐलान

रांची: सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट (Special Court) ने डोरंडा ट्रेजरी मामले (Doranda Treasury Case) में आरजेडी (RJD) चीफ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को दोषी करार पाया है. लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है और 24 आरोपी बरी कर दिए गए हैं. 21 फरवरी को लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई जाएगी. इस मामले में 38 दोषियों को 3 साल की सजा दी गई. बाकी 37 लोगों की सजा पर 21 फरवरी को फैसला आएगा. 21 फरवरी को लालू प्रसाद यादव को कोर्ट में उपस्थित होना होगा.

किन आरोपियों को किया गया बरी?

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने डोरंडा मामले में सबूतों के आधार पर राजेन्द्र पांडे, साकेत लाल, दीनानाथ सहाय, राम सेवक साहू, ऐनुल हक, सनाउल हक, अनिल कुमार को बरी कर दिया है. बरी हुए आरोपियों को कोर्ट से बाहर जाने का आदेश दिया गया. इसके अलावा तीन नेताओं पीएम शर्मा, जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव और सुरेंद्र कुमार सिंह को 3 साल की सजा दी गई.

इन सप्लायर्स को दी गई सजा

सप्लायर अशोक कुमार यादव को 3 साल की सजा, श्यामनंदन सिंह को 3 साल की सजा और 75 हजार फाइन, नंद किशोर प्रसाद को 3 साल की सजा और 50 हजार फाइन, सुनील कुमार सिंह को 3 साल की सजा और 2 लाख फाइन, नयन रंजन को 3 साल की सजा, सुलेखा देवी को 3 साल की सजा, संजय कुमार को 3 साल की सजा, मंजू को 3 साल की सजा, रविन्द्र प्रसाद को 3 साल की सजा, रामनंदन सिंह को 3 साल की सजा, राजन मेहता को 3 साल की सजा, जगदीश शर्मा को 3 साल की सजा, धुर भगत को 3 साल की सजा और जगदीश शर्मा को 3 साल की सजा दी गई.

चारा घोटाले का सबसे बड़ा मुकदमा

चारा घोटाले के सबसे बड़े मुकदमे आरसी-47 ए/96 में आज (15 फरवरी को) रांची स्थित सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार पाया. कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव सहित सभी 99 आरोपियों को निजी तौर पर कोर्ट में हाजिर रहने को कहा था.

139 करोड़ के घोटाले में लालू दोषी करार

बता दें कि चारा घोटाले के पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव आरोपी बनाए गए. चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. अब पांचवें मुकदमे में भी लालू प्रसाद यादव दोषी पाए गए हैं. ये मामला रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है.

साल 1996 में दर्ज हुए इस मामले में शुरुआत में 170 लोग आरोपी थे. इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया. दो आरोपियों ने कोर्ट का फैसला आने के पहले ही अपना अपराध स्वीकार कर लिया. 6 आरोपी आज तक फरार हैं.

इसके पहले चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई, जबकि एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी उन्हें भरना पड़ा. इन मामलों में सजा होने के चलते आरजेडी सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा.

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