लालू प्रसाद यादव की परेशानियां बढ़ी! गृह मंत्रालय ने CBI को दी केस चलाने की मंजूरी

Lalu Yadav: नौकरी के बदले जमीन घोटाले (लैंड फॉर जॉब-Land For Job) में बिहार के पूर्व सीएम और पूर्व रेल मंत्री लालू यादव की मुसीबत बढ़ने वाली है। लैंड फॉर जॉब मामले में केन्द्र सरकार (central government) ने CBI को लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। CBI ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी है।

इससे पहले 18 सितंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने जमीन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। पहली बार कोर्ट ने इस मामले में लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप, अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है।

सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मांगी थी। इससे पहले दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था. जिसमें उन्हें 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।

इस मामले में कोर्ट ने क्या माना

ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। समन जारी कर लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बतौर आरोपी अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। लैंड फॉर जॉब मामले मे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप मे लालू और तेजस्वी, तेजप्रताप यादव के खिलाफ ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। लैंड फॉर जंब मामले में पहली बार तेजप्रताप यादव को पहली बार समन भेजा जा चुका है। कोर्ट ने माना कि मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ,  इसके साथ ही यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया।

अन्य आरोपियों पर भी गिरेगी गाज

नौकरी के बदले जमीन मामले में 30 से अधिक अन्य आरोपी हैं जिनके लिए अभियोजन की मंजूरी का अभी भी इंतजार है। सीबीआई ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए 15 दिन और मांगे हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि अन्य आरोपियों के लिए मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाएं। इस मामले नें अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को लिस्ट की गई है।

मीसा भारती के नाम पर ट्रांसफर की गई जमीन

कोर्ट ने कहा है कि यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर होने के प्रमाण हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव भी मनी लांड्रिंग में शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ भी इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं। किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन ट्रांसफर की। इसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई. इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे।

2014 में बड़ी तादाद में ट्रांसफर की गई थी जमीन

कथित घोटाला उस समय का है जब लालू यादव यूपीए.1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीनें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।

AK इंफोसिस्टम द्वारा बिहार में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन के टुकड़े और अचल संपत्ति ट्रांसफर की गई थी। तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य हैं और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तेज प्रताव यादव को समन जारी किया जाता है।

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