जुआ-सट्टे पर रोक लगाने बनेगा कानून, विधानसभा में विधेयक पारित

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन जुआ-सट्टा के कारोबार को रोकने की कोशिश में सरकार छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक ले आई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बुधवार को इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। जिस समय यह विधेयक पारित हुआ उस समय भाजपा के विधायक चावल घोटाले से जुड़े आरोपों को लेकर गर्भगृह में धरना दे रहे थे। ऐसे में मुख्य विपक्ष इस विधेयक की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुआ।

छत्तीसगढ़ सरकार जुआ, सट्टे के बोलबाले से निपटने कड़ा कानून ला रही है। इस संबंध में कैबिनेट द्वारा मंजूर विधेयक को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बुधवार को विधानसभा में पेश किया। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार इसके तहत लॉटरी को छोड़ सभी तरह के धूत खेल या कारोबार पर रोक रहेगी।

इसके प्रावधानों को लेकर गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि अब जुआ में बाजी, या आर्थिक लाभ कमाने आनलाइन बाजी लगाने को जुआ माना जाएगा। ताश,पासे, खेलने टेबल, कपड़े रजिस्टर, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मोबाइल एप्लीकेशन को जुआ खेलने के उपकरण माने गए है। इनमें खेलते पाए जाने पर पहली बार में 1-3 वर्ष की जेल,50 हजार, उसके बाद पकड़ाने पर 2-7 वर्ष, और 1-10 लाख तक अर्थदंड वसूला जाएगा। सूत्रों ने बताया कि ऐसे मामलों की सुनवाई प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट से नीचे के न्यायाधीश नहीं करेंगे। इस विधेयक के पारित होने पर सरकार नियम बनाएगी इसके राजपत्र में प्रकाशन के बाद लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2018 में सत्तारूढ़ होने के बाद से ही सीएम भूपेश बघेल लगातार पुलिस अफसरों से प्रदेश में जुआ और सट्टे पर कड़ाई से रोक लगाने जोर देते रहे हैं। इसे लेकर सीएम बघेल इतने गंभीर है कि इसमें बरती जा रही ढिलाई के चलते डीजीपी को बदल दिया गया था।

ऑनलाइन गेमिंग से कमाई पर कसेगी नकेल

सरकार ला रही नया नियम इधर मोदी सरकार की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियम बनाए जाने का प्रस्ताव जारी किया गया है। जिससे ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई पर नकेल कसी जा सकेगी। सरकार ने सेल्फ रेगुलेटरी सिस्टम बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। नए नियम के लागू होने के बाद ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को आईटी रूल्स मानने होंगे। जिसे साल 2021 में जारी किया गया था। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को भारतीय कानूनों को मानना पड़ेगा। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर भी जुआ और स्ट्टेबाजी के नियम लागू होंगे। नए नियमों के तहत ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई की रकम का खुलासा करना होगा। साथ ही ऑनलाइन गेमिंग के लिए जमा धनराशि और निकसी और रिफंड और टैक्स के बारे में फुल ब्यौरा देना होगा।

बिना इजाजत ऑनलाइन गेमिंग होगी सट्टेबाजी : ऑनलाइन गेमिंग के लिए आईटी मंत्रालय से सर्टिफिकेट लेना होगा। कोई भी ऑनलाइन गेमिंग करके कमाई नहीं कर पाएगा। अगर बिना इजाजत ऑनलाइन गेमिंग से कमाई का ऑफर दिया जाता है, तो उसे सट्टेबाजी माना जाएगा।

मामलों का होगा समय पर निपटारा : ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए आईटी मंत्रालय की सेल्फ रेगुलेटी बॉडी में शिकायत करना होगा, जहां से ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई और निवारण होगा। मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए 17 जनवरी 2023 तक सुझाव मांगे हैं। टैक्स चोरी पर लगेगी लगाम : ऑनलाइन गेमिंग टैक्स चोरी का नया जरिया बनकर उभर रहा है। ऐसे में आईटी मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई का ब्यौरा चाहता है, जिससे टैक्स चोरी को पकड़ा जा सके। अभी नियमों के अभाव में पता लगाना मुश्किल था कि आखिर ऑनलाइन गेमिंग से कितनी कमाई हो रही है।

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