शराब घोटाला केस,पूर्व मंत्री कवासी की न्यायिक रिमांड बढ़ी…

रायपुर। पूर्व मंत्री कवासी लखमा को कोर्ट ने 25 अप्रैल 2025 तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। उन्हें न्यायालय में पेश किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया। मामले से संबंधित विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई चालू जांच प्रक्रिया के तहत की गई है। पुलिस द्वारा संबंधित दस्तावेज एवं सबूत न्यायालय में प्रस्तुत किए गए, जिसके आधार पर न्यायिक हिरासत की अवधि तय की गई। फिलहाल कवासी लखमा को न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है और आगे की सुनवाई नियत तिथि पर होगी।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री कवासी लखमा को न्यायालय ने 25 अप्रैल 2025 तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। यह फैसला शुक्रवार को उन्हें न्यायालय में पेश किए जाने के बाद सुनाया गया। न्यायिक रिमांड का अर्थ है कि अब उन्हें पुलिस की हिरासत में नहीं बल्कि न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाएगा, यानी वह जेल में न्यायिक निगरानी में रहेंगे। मामले से जुड़ी पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई किसी लंबित जांच के अंतर्गत की जा रही है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने जांच के दौरान प्राप्त दस्तावेज़ों, गवाहों और अन्य सबूतों को न्यायालय में पेश किया, जिनके आधार पर कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक रिमांड में भेजने का निर्णय लिया।

गौरतलब है कि न्यायिक रिमांड का उपयोग तब किया जाता है जब पुलिस को जांच के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत नहीं होती, लेकिन मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन होता है। इस दौरान आरोपी को जेल में रखा जाता है और उसे समय-समय पर अदालत में पेश किया जाता है। कवासी लखमा, जो कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक प्रभावशाली आदिवासी नेता के रूप में पहचाने जाते हैं, उनके खिलाफ चल रही इस कार्रवाई ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। हालांकि, अब तक किसी भी पक्ष की ओर से इस मामले में आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। आगे की सुनवाई और कार्रवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख नियत की गई है। तब तक लखमा न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे और कोर्ट में आगे की प्रक्रिया जारी रहेगी।

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