कथित शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस दौरान ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाया कि उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरूरी है।
लखमा को माना जा रहा सिंडिकेट का अहम हिस्सा
ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ED ने यह भी कहा है कि शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने यह भी बताया कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते उन्हें आरोपी के तौर पर देखा गया है। फिलहाल अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी.