दैनिक पहुना राजनांदगांव। आज साक्षरता दिवस 8 सितंबर को जिले के साक्षता प्रेरकों ने काला दिवस के रूप में मनाया। उन्होंने आज कलेक्टोरेट के सामने एनएच फ्लाई ओवर के नीचे धरना देने के बाद कलेक्टोरेट पहुंचकर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि साक्षरता अभियान के अंतर्गत 10-12 साल से मात्र 2000 रू. मानदेय पर काम करने वाले गांवों के प्रेरकों को 31 मार्च 2018 से बेरोजगार कर दिया गया था। तब 8 सितंबर 2018 को वर्तमान के मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर छत्तीसगढ़ आये थे तो उन्होंने कहा था कि साक्षरता प्रेरकों को नहीं निकाला जायेगा। उन्हें स्थाई तौर पर रखा जाएगा। आज स्थिति यह है कि नई साक्षरता योजना से प्रेरकों को पूर्णतः बाहर कर दिया गया है। आलम यह है कि देश के 5 लाख प्रेरक बेरोजगार हो गए हैं। जिले के प्रेरकों की संख्या करीब 200 बताई गई। धरना स्थल पर साक्षरता प्रेरकों ने नई साक्षरता नीति का पुतला दहन करने की भी तैयारी कर रखी थी। इनकी मांगों में साक्षरता विभाग में स्थायी रोजगार व जिन राज्यों को मानदेय भुगतान नहीं हुआ है उनकी विभागीय जांच कराकर तत्काल मानदेय जारी करने की मांग शामिल है।