रायपुर। 4 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव की मतगणना में देश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ के 56 अधिकारी प्रेक्षक की भूमिका निभाएंगे. निर्वाचन प्रक्रिया में प्रेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए उन्हें मतगणना की बारीकियां बताई गई.
रायपुर के नवीन विश्राम गृह में आयोजित मतगणना प्रेक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के मतगणना के मद्देनज़र प्रेक्षकों ट्रेनिंग दी गई है. मतगणना में उनकी क्या भूमिका है, ईटीपीबीएस एवं डाक मतपत्रों की गणना एवं ईवीएम से मतगणना संबंधी सभी बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई है.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि मतगणना के दौरान मतगणना प्रेक्षक की भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को मतगणना के सभी पहलुओं की बारीक जानकारी होनी चाहिए. मतगणना केंद्र पर पारदर्शी ढंग से मतगणना की प्रक्रिया पूर्ण हो, इसके लिए मतगणना प्रेक्षक को निष्पक्ष और सभी प्रक्रियाओं से संबंधित जानकारी से परिपूर्ण होना चाहिए.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के अंतर्गत आगामी 4 जून को होने वाली मतगणना के लिए छत्तीसगढ़ के 56 अधिकारियों को देश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना प्रेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 20 और राज्य प्रशासनिक सेवा के 36 अधिकारी शामिल हैं.
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर यूएस अग्रवाल, विनय अग्रवाल और रुपेश कुमार वर्मा ने मतगणना हॉल में कितने टेबल लगाए जाने हैं, टेबल किस प्रकार लगाए जाने हैं, प्रत्याशी, उनके अधिकृत प्रतिनिधि और मतगणना अभिकर्ता कितने होंगे तथा किन स्थानों पर बैठेंगे इसकी जानकारी दी गई. इसके अलावा वीवीपैट की गणना के लिए कौन सा टेबल निर्धारित किया जाए, डाक मतपत्रों की गणना कहाँ हो, कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी जानकारी साझा की.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना प्रेक्षक के रूप में नियुक्त राज्य के अधिकारियों के व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण स्थल पर मास्टर ट्रेनर रुपेश कुमार वर्मा ने प्रायोगिक तौर पर ईवीएम का संचालन भी अधिकारियों के समक्ष किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे.