रायपुर। बांग्लादेशी घुसपैठिए भाइयों को पनाह देने वाले संजय नगर के शेख अली के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। उसकी तलाश में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) और पुलिस की टीम महाराष्ट्र, दिल्ली, उप्र और बंगाल में टीम ने दबिश दी है, लेकिन अब तक उसके बारे में कोई सुराग नहीं लगा।
शक है कि आरोपित इराक या फिर बांग्लादेश भागने की तैयारी में है। इसको देखते हुए आरोपित का लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। वहीं, बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले कंप्यूटर संचालक आरिफ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रिमांड में पूछताछ में उसके द्वारा कई अहम जानकारी दी गई है।
जांच टीम ने जहां-जहां वोटर आईडी, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज तैयार किए गए थे, उन विभागों से जानकारी मांगी है। इनके साथ और कौन-कौन शामिल थे, इसकी भी जांच की जा रही है।
40 से ज्यादा लोगों के मिले दस्तावेज
एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) और रायपुर पुलिस द्वारा पकड़े गए बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले कंप्यूटर सेंटर संचालक आरिफ के दुकान की तलाशी के दौरान कंप्यूटर मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है। कंप्यूटर में 40 से ज्यादा लोगों का पैन कार्ड, आधार कार्ड और अंकसूची मिली है।
पुलिस को बांग्लादेशी घुसपैठिया इस्माइल के मोबाइल पर अब्दुल रज्जाक नाम के युवक का पासपोर्ट, वीजा और एयर टिकट मिला है, जो उनके साथ 28 जनवरी को मुंबई से इराक जा रहा था। यही दस्तावेज आरिफ के कंप्यूटर में भी मिला है। पुलिस को शक है कि रज्जाक का भी दस्तावेज रायपुर में बनाया गया है। शक है कि वह भी बांग्लादेश का हो सकता है।
ऐसे जारी होता है लुकआउट सर्कुलर
गृह मंत्रालय लुकआउट सर्कुलर जारी करता है। राज्य सरकार में कम से कम ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी और जिला स्तर पर कम से कम सुपरवाइजरी पुलिस आफिसर रैंक का अधिकारी इस सर्कुलर को जारी कर सकता है। यह सर्कुलर तय फार्मेट पर इमिग्रेशन चेक पाइंट पर जारी किया जाता है।