रायपुर। 115 वां मदकूद्वीप मसीही राष्ट्रीय मेला सोमवार से प्रारंभ हो गया है। यह 11 फरवरी तक चलेगा। समापन पर 11 फरवरी रविवार को सुबह 10 बजे पादरी अर्पण तरूण की अगुवाई में आराधना व प्रभु भोज की पवित्र ब्यारी होगी। सीएनआई छत्तीसगढ़ डायसिस के के बिशप एसके नंदा और क्षेत्रीय विधायक व विधानसभा के पूर्व स्पीकर धरमलाल कौशिक भी विशेष रूप से शामिल होंगे।
मेले में आने वाले उपासकों के लिए तंबू लगाए गए हैं। धार्मिक स्टाल भी लगे हैं। मेले के अध्यक्ष पादरी अर्पण तरुण भिलाई और सचिव ए. लूका बिलासपुर ने बताया कि मेले के मुख्य वक्ता गुड़गांव के उपदेशक अजय डेनिएल काले हैं।
मेला रिट्रीट 7 फरवरी तक होगी। 7 फरवरी की शाम से 11 फरवरी तक मेला लगेगा। बाइबल अध्ययन तितुस की पत्री से होगा। इसमें बच्चों, युवाओं और वरिष्ठजनों की अलग -अलग क्लास होगी। प्रतिदिन सुबह 5 बजे से प्रभात फेरी निकलेगी, जो भजन -र्कीतन करते हुए जो द्वीप का भ्रमण करेगी। क्रूस की छाया में आराधना होगी। 8 फरवरी को दोपहर 2.30 बजे से वाद विवाद प्रतियोगिता होगी। विषय है – आधुनिक जीवन शैली मसीही आराधना व कलीसिया में बाधक नहीं। संचालन एलेक्जेंडर पॉल करेंगे।
9 फरवरी को कवि सम्मेलन दोपहर 2.30 बजे से होगा। स्पर्धा का संचालन अनिल डी. जेम्स व पादरी अनुराग नथानिएल करेंगे। कविताएं मुख्य पद : क्योंकि परमेश्वर का वह अनुग्रह प्रगट है, जो सब मनुष्यों के उद्धार का कारण हैं(तितुस 2.:11) … पर आधारित होगा।
10 फरवरी को गीत -संगीत प्रतियोगिता दोपहर 2.30 बजे से होगी। संचालन संगीता जेम्स करेंगी। मेले की कार्यकारिणी समिति को अलग अलग ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें अध्यक्ष पादरी अर्पण तरूण भिलाई, सचिव ए.ए. लूका बिलासपुर, उपाध्यक्ष एलेक्जेंडर पॉल बिलासपुर, कोषाध्यक्ष पादरी राकेश प्रकाश दुर्ग, मेला प्रबंधक अभिषेक शॉवल चरौदा, मेला रिट्रीट अध्यक्ष पास्टर सीके हार्वे भिलाई, मेला रिट्रीट सचिव पादरी शरद लाल चौकी राजनांदगांव व कोषाध्यक्ष वाय. प्रकाश दुर्ग, कार्यकारिणी सदस्य पादरी डीबी नंद,पादरी हेमंत नंदा व स्मिता बख्श, मेला कार्यकारिणी सदस्य पादरी अनुराग नथानिएल बिलासपुर, आरके सामुएल भिलाई, प्रनोब बंशीयार चांपा, पास्टर बलराम टंडन राजनांदगांव, आशीष युसूफ राजनांदगांव, जॉन राजेश पॉल रायपुर, वीरेंद्र सारथी व बर्नाड ए. प्रताप सहायक मेला प्रबंधक, पादरी समीर फ्रेंकलीन सहायक मेला प्रबंधक बैतलपुर, आमंत्रित सदस्य पादरी निखिल पॉल बिलासपुर और पादरी रॉड्रिक जॉन जरहगांव शामिल हैं।