बड़ी कार्रवाई: 50 करोड़ से अधिक के डिजिटल फ्रॉड में 10 गिरफ्तार, फर्जी कॉल सेंटर का भी भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने डिजिटल फ्रॉड(Digital Fraud) के खिलाफ अंतर्राज्यीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सात राज्यों में छापेमारी कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि ये आरोपी 50 करोड़ रुपये से अधिक के डिजिटल फ्रॉड और जबरन वसूली के मामलों में शामिल थे। अधिकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस ने बताया कि ये गिरोह ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल, धमकी और डिजिटल माध्यमों से जबरन वसूली जैसे अपराधों को अंजाम दे रहा था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि डिजिटल अपराधों पर लगाम लगाने के लिए इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और आम लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या मैसेज से सतर्क रहें।

दिल्ली पुलिस ने डिजिटल फ्रॉड और जबरन वसूली के मामलों में अंतर्राज्यीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इन आरोपियों पर 50 करोड़ रुपये से अधिक के डिजिटल फ्रॉड और एक्सटॉर्शन से जुड़े मामलों में शामिल होने का आरोप है। इनके खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में 60 से अधिक मामले दर्ज थे।

अधिकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गैंग का मास्टरमाइंड भी शामिल है। ये गिरफ्तारियां दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, ओडिशा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में चलाए गए एक समन्वित मल्टी-स्टेट ऑपरेशन के दौरान की गईं। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी एक संगठित अंतरराष्ट्रीय डिजिटल फ्रॉड और जबरन वसूली सिंडिकेट का हिस्सा थे। यह गिरोह विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर देशभर के लोगों को निशाना बनाता था और धोखाधड़ी के जरिए मोटी रकम वसूलता था।

जांच में सामने आया है कि यह सिंडिकेट नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज कम से कम 61 शिकायतों से जुड़ा हुआ था, जिनमें कुल धोखाधड़ी की राशि 50 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपियों को केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र के मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी फर्जी कॉल, ऑनलाइन धोखाधड़ी, डिजिटल ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली जैसे तरीकों से लोगों को ठगते थे। मामले की जांच अभी जारी है और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

फर्जी बीमा पॉलिसी कॉल सेंटर का भी भंडाफोड़, 3 आरोपी गिरफ्तार

इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी का लालच देकर लोगों से ठगी करने वाले एक अवैध कॉल सेंटर का भी भंडाफोड़ किया है। पुलिस के मुताबिक, उत्तर दिल्ली में संचालित इस कॉल सेंटर से तीन कथित मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 23 महिलाओं और छह पुरुषों समेत कुल 29 टेलीकॉलर्स को हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह देशभर के लोगों को फोन कर फर्जी बीमा योजनाओं का झांसा देता था और उनसे मोटी रकम ऐंठता था। मामले की विस्तृत जांच जारी है और ठगी के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

डीसीपी (उत्तर) राजा बंथिया ने बताया कि यह कार्रवाई संगठित साइबर अपराध नेटवर्क को खत्म करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन साइहॉक 2.0’ के तहत की गई। उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर को शास्त्री नगर इलाके के एक घर से अवैध कॉल सेंटर संचालित होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने छापा मारा।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई लोगों को संभावित ग्राहकों को कॉल करते हुए पकड़ा। डीसीपी ने बताया, “पुलिस टीम को देखते ही कॉल करने वालों ने फोन काट दिए, जिससे संदेह और गहरा गया।” परिसर के मालिक और इस धोखाधड़ी के कथित मुख्य साजिशकर्ता की पहचान नजर अब्बास (39) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान अब्बास ने खुलासा किया कि गिरोह उन लोगों का डेटा जुटाता था, जिनकी बीमा पॉलिसी बंद, रद्द या पूरी हो चुकी होती थी। कॉल सेंटर कर्मी ऐसे लोगों से संपर्क कर उन्हें नई आकर्षक बीमा पॉलिसियों का झांसा देते थे, पुरानी पॉलिसी पर लाभ दिलाने और एजेंट कमीशन लौटाने जैसे लालच देकर ठगी को अंजाम देते थे। पुलिस के अनुसार, जब कोई ग्राहक प्रस्ताव में रुचि दिखाता था, तो उसकी जानकारी रवि और विक्की ठाकुर को भेजी जाती थी, जो ऑनलाइन पेमेंट लिंक के जरिए उनसे रकम मंगवाते थे। इस मामले में तीनों मुख्य साजिशकर्ताओं नजर अब्बास, रवि और विक्की ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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