घर की इस दिशा में बनाएं खिड़की, कभी सकारात्‍मक ऊर्जा नहीं होगी कम, रहेगी सुख-समृद्धि

Vastu shastra for windows in india: जिस घर में आप रहते हैं वहां खुली हवा, सूर्य के प्रकाश का आना बहुत जरूरी है. लिहाजा मकान बनवाते समय या खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखा जाता है, कि उसमें क्रॉस वेंटिलेशन हो. यानी कि एक तरफ से घर में स्वच्छ वायु का प्रवेश हो और दूसरी तरह से वह निकलती रहे. ऐसा होने से स्वभाविक रूप से पॉजिटिव एनर्जी आती रहेगी और घर के अंदर से नेगेटिव एनर्जी बाहर जाती रहेगी. ऐसा होने पर ही घर में रहने वाले सभी लोग स्वस्थ, प्रसन्न और ऊर्जावान बने रहेंगे.

सही दिशा में हों खिड़की 

जब हम वेंटिलेशन की बात करते हैं, तो दरवाजे खिड़की और रोशनदान का सही दिशा में होना जरूरी है. क्‍योंकि इन से ही हवा और रोशनी आती है. प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा के प्रवेश के लिए उत्तर पश्चिम अर्थात वायव्य दिशा में खिड़कियां और रोशनदान बनाना चाहिए. स्वस्थ और सकारात्मक वातावरण बनाए रखने के लिए उचित वेंटिलेशन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.

खिड़कियों को हमेशा दरवाजों के विपरीत दिशा में लगाना चाहिए. खिड़की बनवाने के लिए दक्षिण पश्चिम की दिशा कभी भी अच्छी नहीं मानी जाती है इसलिए इस दिशा में खिड़कियां लगाने से सदैव परहेज करना चाहिए. खिड़की के साथ ही घर का मुख्य दरवाजा हमेशा उत्तर, उत्तर पूर्व, पूर्व या पश्चिम होना चाहिए. मुख्य द्वार दक्षिण,या दक्षिण पश्चिम में होना वास्तु की दृष्टि से कभी भी अच्छा नहीं माना जाता है.

सही जगह पर रखें सामान 

घर के अंदर सब कुछ होने के बाद भी देखा जाता है कि नकारात्‍मक ऊर्जा हावी है. इसके पीछे वजह है कि सामान सही ढंग से ना रखा जाए. लिहाजा ध्‍यान रखें कि घर में अव्यवस्था ना रहे. घर की हर चीज अपनी जगह पर हो और फैली हुई ना रहें. क्‍योंकि अव्‍यवस्थित चीजें घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित करती हैं. घर में शांति और व्यवस्था की भावना को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम दिशा को साफ और व्यवस्थित रखें. ध्‍यान रखें कि पूर्व दिशा में भारी सामान ना रखें, इससे घर में वास्तु दोष लगता है.

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