दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखा हमला करते हुए कांग्रेस को हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा से मुकाबला करने की चुनौती दी और कहा कि उन्हें संदेह है कि क्या सबसे पुरानी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में ’40 सीट भी’ हासिल कर पाएगी. बनर्जी ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की भी आलोचना की, जो राज्य के छह जिलों से होकर गुजरी. उन्होंने इसकी तुलना राज्य में आए ‘प्रवासी पक्षियों’ के लिए ‘महज फोटो खींचने के अवसर’ से की.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ‘मैंने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस 300 सीट पर चुनाव लड़े (देश भर में जहां भाजपा मुख्य विपक्ष है), लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान देने से इनकार कर दिया. अब, वे मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए राज्य में आए हैं. मुझे संदेह है कि यदि वे 300 सीट पर चुनाव लड़ते हैं, तो क्या वे 40 सीट भी जीत पाएंगे.”
‘कांग्रेस के साथ गठबंधन के इच्छुक थे, लेकिन…’
केंद्र से राज्य के बकाया भुगतान की मांग को लेकर कोलकाता में एक धरने के दौरान बनर्जी ने दोहराया कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की इच्छुक थी, लेकिन उसने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
उन्हें सभी 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने दें : ममता
उन्होंने कहा, ‘हम गठबंधन के लिए तैयार थे, उन्हें दो सीट की पेशकश की थी जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. अब उन्हें सभी 42 सीट पर अकेले चुनाव लड़ने दें. तब से, हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई है.’
बनर्जी राज्य में सीट-बंटवारे पर गतिरोध के बाद टीएमसी के साथ सामंजस्य बिठाने की कांग्रेस की कोशिशों के बावजूद बनर्जी, जिन्होंने पहले अपनी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के इरादे की घोषणा की थी, सीट आवंटित करने से इनकार करने पर कायम रहीं.
कांग्रेस को दी भाजपा को हराने की चुनौती
सूत्रों के अनुसार, उत्तरी बंगाल के छह जिलों, विशेष रूप से उत्तर दिनाजपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद, जो महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक आबादी और पारंपरिक रूप से कांग्रेस के समर्थन के लिए जाने जाते हैं, से कांग्रेस की यात्रा ने बनर्जी के रुख को जन्म दिया होगा.
बनर्जी ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, ‘अगर आपमें हिम्मत है तो यूपी, बनारस, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भाजपा को हराएं. जब मणिपुर जल रहा था तो आप (कांग्रेस) कहां थे? हमने एक टीम भेजी थी.’
‘फोटो खिंचवाने के लिए महज तमाशा’
कांग्रेस की यात्रा और ‘प्रवासी पक्षियों’ के बीच तुलना करते हुए बनर्जी ने इस कार्यक्रम को ‘फोटो खिंचवाने के लिए महज तमाशा’ करार दिया और कहा कि इसमें वास्तविक इरादे की कमी है.
बंगाल से गुजरने वाली यात्रा के बारे में बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें इसके बारे में सूचित नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘इंडिया गठबंधन के सहयोगी होने के बावजूद, उन्होंने मुझे सूचित नहीं किया. मुझे प्रशासनिक स्रोतों के माध्यम से पता चला. उन्होंने डेरेक ओ’ब्रायन को फोन करके अनुरोध किया था कि रैली को अनुमति दी जाए. फिर बंगाल क्यों आए?’