वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आज वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया है. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 2022-23 के आम बजट को ‘पेगासस स्पिन बजट’ करार दिया. उन्होंने कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है.
ममता ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है. बड़ी–बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है. ‘पेगासस स्पिन बजट’ है.’’
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बजट से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और मध्य वर्ग की परवाह नहीं करते. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हीरे सरकार के सबसे अच्छे मित्र हैं. किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री परवाह नहीं करते.”
सरकार ने युवाओं की जीविका पर ‘आपराधिक प्रहार’ किया: CPI(M)
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने आरोप लगाया कि आम बजट में नौकरियों के सृजन एवं शहरी रोजगार गारंटी का उल्लेख नहीं किया गया और मनरेगा के बजट में भी बढ़ोतरी नहीं हुई, जो युवाओं की जीविका पर ‘आपराधिक प्रहार’ है.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 प्रतिशत भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं। नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं. महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘शहरी रोजगार गारंटी के बारे में कोई घोषणा नहीं हुई. मनरेगा के लिए आवंटन पिछले साल के बराबर 73 हजार करोड़ रुपये रहा. युवाओं की जीविका पर आपराधिक हमला है.’’