मनीष सिसोदिया ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, गिरफ्तारी को दी चुनौती

नई दिल्ली. दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. साथ ही उन्होंने आज ही जमानत की याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज दोपहर में साढ़े तीन बजे सुनवाई का समय दिया है. मनीष सिसोदिया के पक्ष का कहना है कि मनीष जांच में सहयोग कर रहे थे. इसलिए उनकी गिरफ्तारी अवैध है. जबकि सीबीआई ने यह कहते हुए मनीष सिसोदिया का रिमांड लिया के वे सवालों का जवाब स्पष्ट रूप से नहीं दे रहे हैं और जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

सीबीआई कोर्ट ने बीते सोमवार को 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर मनीष सिसोदिया को भेजा था. हालांकि पूछताछ के दौरान अधिकारियों को सीबीआई कोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा. आदेश के मुताबिक सिसोदिया से सीबीआई उसी जगह पूछताछ कर सकती है, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हों और फुटेज संरक्षित की जा सके. हर दो दिन पर सिसोदिया की मेडिकल जांच होगी. इसके अलावा सिसोदिया हर शाम 6 से 7 बजे के बीच आधे घंटे के लिए अपने वकीलों से मिल सकते हैं. इस दौरान सीबीआई के लोग उनकी बातचीत को नहीं सुन सकते. सिसोदिया को हर दिन अपनी पत्नी से 15 मिनट तक मिलने की इजाजत दी जाएगी.

सिसोदिया को 2021-22 के लिए आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं पर लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसी का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद आप से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था. सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार किया गया. सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने टालने वाले जवाब दिए और सबूत दिखाए जाने के बाद भी उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.’

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