गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को 5 दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में भेजा गया था. उसके बाद कोर्ट ने उनकी सीबीआई हिरासत और 2 दिनों के लिए बढ़ाई थी. आज सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि अभी उसे आरोपी की और हिरासत नहीं चाहिए. भविष्य में अगर इसकी जरूरत पड़ेगी, तो आवेदन दिया जाएगा.
चश्मा, डायरी और गीता साथ रखने की इजाजत
जेल भेजे जाने का आदेश आने के बाद मनीष सिसोदिया के वकीलों ने उन्हें जेल में चश्मा, डायरी, पेन और श्रीमद्भागवत गीता दिए जाने का अनुरोध किया. विशेष सीबीआई जज एम के नागपाल ने इसे स्वीकार कर लिया. इसके बाद मनीष सिसोदिया की तरफ से यह मांग भी की गई कि उन्हें जेल में विपश्यना सेल में रहने दिया जाए, ताकि वह आध्यात्मिक ध्यान कर सकें. जज ने इस पर सीधे आदेश देने की बजाय कहा कि जेल नियमों के मुताबिक इस पर विचार हो.
विशेष सीबीआई कोर्ट ने पिछले शनिवार को ही कह दिया था कि मनीष सिसोदिया की तरफ से दाखिल जमानत अर्जी पर 10 मार्च को सुनवाई होगी. ऐसे में बचाव पक्ष यह उम्मीद कर रहा है कि न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने से पहले ही सिसोदिया जमानत पर बाहर आ सकते हैं. हालांकि, इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रहा है. ऐसे में इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा है कि आबकारी घोटाले के पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED भी सिसोदिया को गिरफ्तार कर सकती है.
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने सिसोदिया समर्थकों पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मामले में हर कदम कोर्ट की अनुमति लेकर उठाया जा रहा है. फिर भी बाहर प्रचारित किया जा रहा है कि सीबीआई गैर कानूनी काम कर रही है.
इस पर जज ने कहा कि बाहर कौन क्या कह रहा है, इससे कोर्ट को कोई सरोकार नहीं है. सीबीआई ने यह आरोप भी लगाया कि आम आदमी पार्टी मीडिया से अपने मुताबिक खबरें चलवा रही है. इसके जवाब में सिसोदिया के वकील ने आरोप लगाया कि सीबीआई खुद खबरें लीक कर रही है.