नई दिल्ली . दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया की तबीयत बिगड़ने के बाद मंगलवार को एक बार फिर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह मल्टीपल स्केलेरोसिस की बीमारी से पीड़ित हैं, जो एक पुरानी ऑटोइम्यून बीमारी है. ये बीमारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है. बताया गया है कि इसके लक्षण लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और उनकी हालत गंभीर होती जा रही है.
उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फरवरी में सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से लेकर अब तक तबीयत बिगड़ने के कारण तीसरी बार सीमा सिसोदिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह पिछले 20 साल से भी अधिक समय से मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है. इसकी वजह से दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं. समय के साथ दिमाग का शरीर पर से धीरे-धीरे नियंत्रण खत्म होता जाता है.उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फरवरी में सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से लेकर अब तक तबीयत बिगड़ने के कारण तीसरी बार सीमा सिसोदिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह पिछले 20 साल से भी अधिक समय से मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है. इसकी वजह से दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं. समय के साथ दिमाग का शरीर पर से धीरे-धीरे नियंत्रण खत्म होता जाता है.
डॉक्टरों के अनुसार बीमारी के बढ़ने के कारण सीमा सिसोदिया धीरे-धीरे अपने शरीर पर नियंत्रण खोती जा रही हैं. उन्हें आगे के इलाज और प्रबंधन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 49 साल की सीमा सिसोदिया को वर्ष 2000 में मल्टीपल स्केलेरोसिस- एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी का पता चला था. वह पिछले 23 वर्षों से इसका इलाज करा रही हैं.
आम तौर पर यह माना जाता है कि ये एक ऐसी बीमारी है जिसका प्रभाव समय के साथ और शारीरिक और भावनात्मक तनाव जैसे अन्य कारकों के साथ बढता चला जाता है.
मल्टीपल स्केलेरोसिस को 2016 से विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत एक विकलांगता के रूप में मान्यता दी गई है. ये बीमारी मस्तिष्क और मानव शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार समस्याओं का कारण बनती है. आखिर में रोग तंत्रिका तंतुओं को स्थायी क्षति या गिरावट का कारण भी बन सकती है. दुनिया भर में मल्टीपल स्केलेरोसिस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है. कुछ प्रकार की दवाएं, फिजियोथेरेपी और उपचार रोग की शुरुआत को धीमा कर सकते हैं.