दीवाली पास आते देख बड़े पैमाने पर भंडारण भी
राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। माननीय सुप्रीम कोर्ट काफी तेज आवाज वाले बम पटाखों को लेकर बहुत पहले से सख्त है,लेकिन इस संबंध में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।राजनांदगांव शहर और आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिबंधित पटाखों के निर्माण, विक्रय और उनके उपयोग को रोकने पुलिस व सिविल प्रशासन द्वारा भी कड़ा तेवर नहीं अपनाया जाना आश्चर्य जनक है,जबकि मानव स्वास्थ्य के साथ साथ पर्यावरण के लिये भी ऐसे बम पटाखो से बड़ी समस्या बनी हुई है।
दीपावली समीप आते आते बड़े पैमाने पर अवैध रूप से भंडारण भी
मिली जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित तेज आवाज वाले सुतली बमों की डिमांड राजनांदगांव शहरी सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में दशहरा, दीवाली के मद्देनजर बनी हुई है। साल में एक यही अवसर होता है जब लोग करोड़ों के पटाखे फोड़ डालते हैं। इसके बाद शादी-ब्याह और चुनाव आदि में भी जमकर पटाखे फोड़े जाते हैं। आजकल तो बारह-पन्द्रह साल के लड़के भी सबसे तेज आवाज वाले यानी कि छः नंबर का सुतली बम या एटम बम फोड़ना पसंद करते हैं। प्रतिबंधित बम पटाखों का कृत्रिम संकट बताकर मनमाने दाम भी वसूल किये जाते हैं।
जिले में 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज के बम पटाखे बन व बिक रहे
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में प्रतिबंधित 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज के भी बम पटाखे बड़े पैमाने पर बन व बिक रहे है। इतनी तेज आवाज के पटाखे 4 मीटर दूर से कानों में गूंजे तो यह किसी व्यक्ति को बहरा बना सकती हैं। रातो में इसका प्रभाव क्षेत्र और बढ़ जाता है तब जीवजंतुओं और बीमार लोगों की भी तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं अनुज्ञप्ति एवं प्रोटोकाल शाखा से मिली जानकारी के अनुसार अविभाजित राजनांदगांव जिले में 930 पटाखा विक्रेताओं ने लायसेंस लिये भी और 5-6 लोगों ने निर्माण के लायसेंस लिये थे।*
’’प्रतिबंधित पटाखों के निर्माण व भंडारण तथा विक्रय को लेकर पुलिस विभाग द्वारा जल्द ही एक्शन लिये जायंेगे।’’
प्रफुल्ल ठाकुर, जिला पुलिस अधीक्षक
’’इस संबंध में एक्ट के अनुसार आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।’’
सी एल मारकंडे, एडीएम