Share Market Update: कमजोर शुरुआत के बाद, बाजार में सुधार के संकेत दिख रहे हैं. निफ्टी अपने निचले स्तरों से लगभग 100 अंक ऊपर, 25,750 के आसपास कारोबार कर रहा है. महिंद्रा एंड महिंद्रा, एसबीआई, श्रीराम फाइनेंस और ओएनजीसी जैसे शेयरों ने बाजार को मजबूती दी है. बैंक निफ्टी में भी 250 अंकों की बढ़त देखी जा रही है.
सुबह 11 बजे के आसपास, सेंसेक्स 29.40 अंक या 0.04 प्रतिशत बढ़कर 83,968.11 पर और निफ्टी 25.25 अंक या 0.10 प्रतिशत बढ़कर 25,747.35 पर था. लगभग 2,005 शेयरों में तेजी आई, 1,585 में गिरावट आई और 191 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने आज बेहतर प्रदर्शन किया है. गोदरेज कंज्यूमर के अपेक्षित नतीजों के दम पर इसमें जोरदार उछाल आया है. यह शेयर वायदा बाजार में सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाले शेयरों में से एक है, जिसमें 5% की तेजी आई है. बीपीसीएल और फीनिक्स मिल्स भी नतीजों के बाद मजबूती दिखा रहे हैं. एलआईसी हाउसिंग और सिंजीन में भी तेजी देखी जा रही है, जबकि यूनियन बैंक और एचपीसीएल में भी सकारात्मक वृद्धि देखी जा रही है.
पीएसयू बैंकों और रियल्टी में आज सबसे ज्यादा तेजी देखी जा रही है. दोनों सूचकांक एक से डेढ़ प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. धातु, फार्मा और पूंजी बाजार के शेयरों में भी खरीदारी देखी जा रही है. हालांकि, आईटी, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स दबाव में हैं.

बाजार की चाल, गिरावट या तैयारी?
बीएसई सेंसेक्स में HDFC बैंक, ICICI बैंक, मारुति और अडानी पोर्ट्स जैसे दिग्गज शेयरों ने दबाव बनाया. बैंकिंग सेक्टर पर नियामक सर्कुलर का असर साफ दिखा, जहां पात्रता मानदंडों में बदलाव से निवेशक असमंजस में हैं.
ऑटो और सरकारी बैंकिंग शेयरों में हल्की खरीदारी देखने को मिली, लेकिन आईटी और FMCG सेक्टर में बिकवाली ने बाजार को नीचे खींच लिया. निवेशकों की मानसिकता फिलहाल “सुरक्षा पहले” वाले मोड में दिख रही है, जहां हर रैली पर मुनाफावसूली की दीवार खड़ी हो जाती है.
वैश्विक संकेतों की उलझन
अमेरिका के मजबूत डॉलर और फेडरल रिजर्व के “सीमित दर कटौती” संकेतों ने एशियाई बाजारों की दिशा बिगाड़ी. कोरिया का KOSPI 2.39% ऊपर रहा, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट हल्की बढ़त पर टिका रहा. हांगकांग का हैंगसेंग 0.39% चढ़ा, लेकिन जापान का निक्केई इंडेक्स बंद रहने से कारोबार की गति सुस्त रही.
वैश्विक स्तर पर निवेशकों की धारणा “मिश्रित” बनी हुई है. कोई नया ट्रिगर न होने से बाजार दिशा खोज रहा है.
विदेशी बनाम घरेलू निवेशक, Tug of War जारी
31 अक्टूबर को FII ने लगभग ₹6,728 करोड़ की बिकवाली की, जबकि DII ने करीब ₹6,889 करोड़ की खरीदारी कर बाजार को पूरी तरह टूटने से बचाया.
यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय बाजार फिलहाल घरेलू भरोसे पर टिका है. सितंबर में जहां FII ने ₹35,000 करोड़ से अधिक की बिकवाली की थी, वहीं अक्टूबर में ₹14,610 करोड़ की आंशिक वापसी दिखाई दी. हालांकि यह भी केवल अल्पकालिक मुनाफावसूली का संकेत हो सकता है.
हफ्ते का समापन – अस्थिरता की चेतावनी
हफ्ते के आखिरी दिन बाजार में लगभग 800 अंकों का उतार-चढ़ाव देखा गया. दिनभर निवेशकों की नजरें ग्लोबल डेटा और डॉलर इंडेक्स पर टिकी रहीं. निफ्टी ने 25,750 के नीचे टिकाव खोया, जो आने वाले सत्रों में और दबाव की संभावना दिखा रहा है.
आगे क्या? – सस्पेंस अब भी बाकी है (Share Market Update)
तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि 25,700–25,600 के नीचे बंद होना एक शॉर्ट-टर्म करेक्शन का संकेत हो सकता है. हालांकि, घरेलू निवेशक अभी भी नए क्वार्टर रिजल्ट्स और नीति दरों से उम्मीदें लगाए बैठे हैं.
अगले हफ्ते का रुख
FII के मूड, डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स पर निर्भर करेगा. यानी गिरावट के पीछे की कहानी खत्म नहीं हुई, शायद यह किसी नए मोड़ की शुरुआत है.

