आरक्षक भाई की मौत पर विवाहित बहन को नहीं मिली अनुकंपा नियुक्ति, हाईकोर्ट ने डीजीपी और आईजी को मांगा जवाब

बिलासपुर. विवाहित बहन को अनुकंपा नियुक्ति न देने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. कोर्ट ने संशोधित पॉलिसी के आधार पर याचिका स्वीकार किया और पुलिस महानिदेशक रायपुर एवं पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

शहर से लगे ग्राम फरहदा गतौरा निवासी निधि सिंह राजपूत के भाई क्रांति सिंह राजपूत जिला कोरबा में पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे. सेवाकाल के दौरान 13 अप्रैल 2023 को उनकी मृत्यु हो जाने पर उनकी विवाहित बहन निधि ने पुलिस अधीक्षक कोरबा के समक्ष अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन प्रस्तुत कर एएसआई के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की, परंतु पुलिस अधीक्षक कोरबा ने इस आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन खारिज कर दिया कि आवेदक विवाहित है.

उक्त कार्रवाई से क्षुब्ध होकर निधि ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए जारी पॉलिसी के तहत अविवाहित शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर उनके आश्रित माता, पिता, भाई एवं अविवाहित बहन को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता प्रदान की गई थी. उक्त पॉलिसी के आधार पर सिर्फ अविवाहित बहन को ही अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती थी, परंतु छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा 22 मार्च 2016 को उक्त पॉलिसी में संशोधन कर अविवाहित बहन के स्थान पर केवल बहन शब्द जोड़ दिया गया. इस आधार पर किसी अविवाहित शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर उसके विवाहित एवं अविवाहित दोनों बहनों को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी.

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