कांकेर। जिले के हल्बा चौकी क्षेत्र अंर्तगत ग्राम पलेवा में पहाड़ के नीचे जंगल में जयपुर ग्रामीण के जमवारामगढ़ में तारपीन के तेल की फैक्ट्री में आग लगने से चार लोग जिंदा जल गए। आग लगने की सूचना मिलने पर फायर बिग्रेड की टीम ने करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना सुबह 9 बजे हुई। जमवारामगढ़ तहसील के धुलारावजी ग्राम में यह घटना हुई। मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल है। मृतक बच्चों की उम्र 1 से 5 वर्ष के बीच बताई जा रही है। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फैक्ट्री में केमिकल होने से आग ने भीषम रूप धारण कर लिया। हादसे में शिकार हुए मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।पुलिस को आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। लेकिन माना जा रहा है कि शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की घटना हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आग लगते ही मच गई भगदड़
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फैक्ट्री में आग लगते ही भगदड़ मच गई। फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के परिवार बाहर निकल कर भागने लगे। भगदड़ में मजदूरों के तीन बच्चे फैक्ट्री के अंदर ही फंस गए। किसी का ध्यान बच्चों की तरफ नहीं गया। बताया जाता है कि फैक्ट्री मालिक शंकरलाल का भतीजा रमेश उर्फ कालू बच्चों को निकालने के लिए फैक्ट्री के अंदर गया। लेकिन वह भी भीषण आग की चपेट में आ गया। आस-पास के लोगों की मदद से चारों के शवों को बाहर निकाला गया। चारों का 70 प्रतिशत शरीर जल चुका है।
शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ हादसा
पुलिस के अनुसार मृतक बच्चे गरिमा, अंकुश और दिव्या बताए जा रहे हैं। हादसे में जिया और महिला पार्वती झुलस गई है। जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। आग से लाखों का माल जलकर राख हो गया। पुलिस के अनुसार फैक्ट्री में आग शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। लेकिन फिलहाल प्रशासन की तरफ से मुआवजा देने की घोषणा नहीं की गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार आग लगने की सूचना देने करीब आधा दर्जन से अधिक दमकल गाड़िया मौके पर पहुंची। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका है। आग बुझाने के बावजूद भी काफी देर तक आग सुलगती रही।