लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने ने कांग्रेस पर भरम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन परिणाम और अनुभव ठीक नहीं रहा. लिहाजा अब पार्टी अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी.
लखनऊ स्थित अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, ” 2023 में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस गठबंधन को लेकर भ्रम फैला रही है. हमने पहले भी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा है, लेकिन उसका अनुभव ठीक नहीं रहा. बसपा का वोट तो ट्रांसफर होता है, लेकिन अन्य दलों का वोट ट्रांसफर नहीं होता. पार्टी अगले सभी विधानसभा चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव अपने दम पर अकेले लड़ेगी.”
आरक्षण पर सभी दलों का रवैया क्रूर
इस दौरान मायावती ने कहा कि बसपा को आगे बढ़ने से रोका जा रहा है. आरक्षण को लेकर सभी सरकारों का रैवया क्रूर रहा है. आरक्षण को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस के नक़्शे कदम पर चल रही है. यही वजह है कि यूपी में निकाय चुनाव प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार में भी प्रमोशन में आरक्षण को खत्म किया गया. इतना ही नहीं 17 ओबीसी जातियों को लेकर भी सपा सरकार में गैर संवैधानिक काम किया गया.
बैलट पेपर से हो चुनाव
इस दौरान मायावती ने मांग की कि आने वाले दिनों में जो चुनाव होने हैं वे बैलट पेपर से हों. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इवीएम से चुनाव कराने को लेकर लोगों के जेहन में तमाम तरह की शंकाएं रही है. बसपा चाहती है कि आने वाले सभी चुनाव बैलेट पेपर से हों. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से बसपा की यही मांग है.