देश की तमाम छोटी-बड़ी जेलों में मिनी मोबाइल (Mini Mobile) जेल प्रशासन के लिए बड़ी सिरदर्दी का कारण बने हुए हैं. यह चाइनीज मिनी मोबाइल (Chinese Mini Mobile) फोन जेल में बंद कैदियों तक आसानी से पहुंच जाते हैं. यह मोबाइल फोन दिखने में सामान्य व्यक्ति की अंगुली से भी छोटे साइज के होते हैं. कैदियों से बरामद मोबाइल फोन में से 90 फीसदी एक खास ब्रांड के हैं जो कि सिर्फ चीनी कंपनी बनाती है और उसकी महारत मिनी फोन बनाने में कहीं ज्यादा है. इन्हीं फोन का इस्तेमाल करके जेल से रंगदारी, मर्डर की प्लानिंग और उसे अंजाम देना, हथियारों की सप्लाई, आतंकी घटनाओं को अंजाम देना और छोटे-बड़े शहरों में ड्रग रैकेट तक चलाने जैसी घटनाओं को बेझिझक धड़ल्ले से जेल में बैठे हुए कुख्यात अपराधी अंजाम दे रहे हैं.
कैदी ऐसे छिपा लेते हैं मिनी मोबाइल
आपको बता दें कि निजी अंगों में छिपाकर इन फोन को जेलों तक लाया जाता है और कैदियों तक पहुंचाया जाता है. ज्यादातर जेलों इस्तेमाल होने वाले चीनी कंपनी के इस मिनी मोबाइल फोन नाम हम सुरक्षा कारणों के कारण नहीं बता रहे हैं. जेल के एक अधिकारिक सूत्र ने बताया कि कैदी मोबाइल फोन को अपने निजी अंगों में छिपाकर तस्करी करते हैं. कभी-कभी 3 मोबाइल फोन तक बैरकों में आ जाते हैं. पिछले कई सालों में कई राज्य जिसमें पंजाब एक प्रमुख राज्य है, की जेलों में बंद कैदियों से कई हजार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.
इतना लंबा और चौड़ा है मिनी फोन
पंजाब की एक जेल के बड़े आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस्तेमाल होने वाले इस खास मिनी मोबाइल फोन की लंबाई 7 सेमी से कम और चौड़ाई 3 सेमी है. मोबाइल फोन आकार में इतना छोटा है कि जब जेल कर्मचारी औचक निरीक्षण करते थे तो कैदी इसे दीवारों की दरारों में छिपा देते थे. ज्यादातर मिनी मोबाइल एक खास कंपनी के हैं.
जेल कर्मियों को चकमा देते कैदी
आपको बता दें कि एक जेल के उच्च अधिकारी जो हमारे सूत्र हैं उन्होंने पंजाब की एक जेल की चर्चा करते हुए हमें बताया कि पंजाब में एक जेल में औसतन 400 कैदियों के मुकदमों की सुनवाई के लिए उनकी टीम अक्सर कैदियों को लेकर अदालत जाती थी और उसी दौरान पुलिसकर्मियों को चकमा देकर कुछ कैदी कोर्ट परिसर में अपने लिंक से मोबाइल फोन खरीद लेते थे. कैदी मिनी मोबाइल फोन को अपने गुप्तांगों में छिपाते थे. वहीं कैदियों के सहयोगी फोन पर कम्युनिकेशन के बाद जेल के बाहर से जेल की चारदीवारी में पैकेट फेंकते थे. यह जेल में तस्करी का एक अन्य तरीका है. इसे रोकने के लिए जेल के आस-पास चौकसी तो बढ़ाई गई है लेकिन कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है क्योंकि सारा कम्युनिकेशन मिनी मोबाइल फोन के जरिए हो जा रहा है.
जान लें कि यह मिनी मोबाइल फोन बाजार में 1000 रुपये से भी कम कीमत पर उपलब्ध है. यह फोन ऑनलाइन वेबसाइट पर सेल में ज्यादा बिक रहा है. यह फोन जानी मानी और नामी कंपनियों की वेबसाइटों पर धड़ल्ले से बिक रहा है. यह अनगिनत डिजाइनो एवं रंगों में ई-कॉमर्स साइटों पर उपलब्ध है. एक जेल के सुपरिटेंडेंट के अनुसार, मोबाइल फोन बरामद होने के मामले में जेल अधिनियम की धारा 52ए(1) के तहत मामला दर्ज करवाया जाता है. यह धारा जमानती है, इस कारण आरोपियों से पूछताछ के लिए कस्टडी नहीं मिल पाती है. उनके अनुसार, ऐसी स्थिति में कैदियों द्वारा तस्करी के लिए अपनाए गए तरीकों के बारे ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है. कैदियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिम कार्ड फर्जी पहचान प्रमाणों का उपयोग करके खरीदे जाते थे.
एक जेल के सूत्र ने बताया कि पंजाब के एक मंत्री द्वारा आला अधिकारियों के साथ जेल में औचक निरीक्षण किया गया. फिर सारी स्थिति जानने के बाद यह दावा किया था कि जल्द ही जेलों में रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. आपको बता दें कि यह रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक मोबाइल नेटवर्क को जाम करने के लिए दुनिया की सबसे उन्नत तकनीक है, क्योंकि इससे जेल से मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद हो जाएगा. जेल आधिकारिक सूत्र ने बताया अगर यह तकनीक मंत्री के कहे अनुसार, पंजाब में जल्द आ जाए तो इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य होगा.
विभिन्न जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अधिकारी यह मानते हैं कि बॉडी स्कैनर जेल में बेहद लाजमी है. आपको बता दें कि जेल प्रशासन भी इस बात को मानता है और कई बार इस बारे में ऑफिशियल पत्राचार भी हुआ कि जेल में बॉडी स्कैनर होना बहुत जरूरी है. बॉडी स्कैनर की मदद से आसानी से छोटी से छोटी चीज भी कैदियों की चैकिंग के दौरान पकड़ी जा सकती है. गुप्तांगों में कैदी जर्दा, नशीली गोलियां आदि भी छिपा लाते हैं. अगर बॉडी स्कैनर रहेगा तो आसानी से जेलों में मोबाइल, नशा आदि को जाने से रोका जा सकता है.
गौरतलब है कि जेलों में बैठे कुख्यात अपराधी रेडियो फ्रीक्वेंसी और बॉडी स्कैनरों का जेलों के अंदर अभाव होने से आसानी से इन ऑनलाइन बिकने वाले चीनी मिनी मोबाइलों की मदद से अपना पूरा रैकेट जेल से ही चला रहे हैं और इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो जा रहा है. अगर जेलों में इन चीजों का अभाव रहा तो जिस तरह लॉरेंस जैसे गैंगस्टर ने विदेशों में बैठे आतंकियों और गैंगस्टरों के साथ मिलकर जेल में बैठकर विश्व प्रसिद्ध महान गायक सिद्धू मूसेवाला को मरवाया उसी तरह और भी गैंगस्टर व आतंकी जेलों में बैठे किसी भी बड़ी घटनाओं को आराम से अंजाम दे सकते हैं और कोर्ट के अंदर अपने जेल में होने की दलीलों का बहाना लगाकर छूट भी जाएंगे.