कहा- उनके रहते आरक्षण का इंतजार करना पड़े यह उचित नहीं
कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि हम सब जनप्रतिनिधि, चाहे अधिकारी हो या मुख्यमंत्री हो या राज्यपाल हो. सब लोगों की नैतिक जवाबदारी है कि हम किसी भी वर्ग को मिलने वाली सुविधा से वंचित ना करें. सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने आरक्षण विधेयक विशेष सत्र बुलाकर पारित कराया है.
उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत राजभवन के लिए भेजा गया है, अपने संवैधानिक प्रमुख होने का महामहिम को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. आदिवासियों के संरक्षक होने के नाते उनको तत्काल हस्ताक्षर करना चाहिए. कई सारी वैकेंसी निकल रही हैं, सब में हमको 32 की जगह में 20% मिल रहा है. सीधे-सीधे 12% का नुकसान हो रहा है. यह किसी के लिए भी बड़ा नुकसान है, सरकार ने अपना काम कर दिया है राजभवन का इंतजार हैं.
भाजपा पर साधा निशाना मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होता है, वहां भाजपा की चुनावी टीम है पहले पहुंचती है. इनके गलतफहमी पैदा करने वाले लोग, जांच एजेंसी पहले पहुंच जाती है, जहां भी सीबीआई, इनकम टैक्स की कार्रवाई चल रही है, समझ जाना कि वहां चुनाव होने वाला है. जहां भी धर्मांतरण का मामला हो, जहां एनआरसी की बात हो. चुनाव जैसे खत्म होता है सब अपना अपना झोला उठाकर वापस लौट जाते हैं.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के जशपुर दौरे को लेकर भगत ने कहा कि भाजपा नकल तो कर रही है, लेकिन नकल में भी अक्ल की जरूरत होती है. इनका केमिस्ट्री बिगड़ा हुआ है. आदिवासी आरक्षण को रोक रहे हैं, पिछड़ा वर्ग आरक्षण को रोक रहे हैं, अनुसूचित जाति आरक्षण को रोक रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अंतिम में तो हमको जनता जनार्दन के पास जाना पड़ता हैं. कितना भी प्रयास करें कोई फायदा नहीं है. जब बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय. अरुण साव जहां जा रहे हैं, वहां उनकी गाड़ी ठुका जा रही है. उनका मुहूर्त सब बिगड़ा हुआ है, उनके हाथ कुछ लगने वाला है नहीं. अगले बार भी विपक्ष में बैठने की तैयारी रखें.