हसदेव अरण्य को लेकर शुरू हुई लामबंदी, कल अंबिकापुर में हल्ला बोल की तैयारी

बिलासपुर। हसदेव अरण्य के परसा में बिना ग्रामसभा के कोयला खदान के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई और रात के वक्त काटे जा रहे पेड़ों को लेकर अब प्रभावित आदिवासियों के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों का गुस्सा फूटने लगा है।

हसदेव अरण्य के परसा में राज्य शासन ने परसा ईस्ट केते बसान और परसा कोल ब्लाक के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई के साथ ही कोयला खनन के लिए राजस्थान सरकार को अनुमति दे दी है। स्वयंसेवी संगठनों और हसदेव अरण्य में रहने वाले आदिवासियों ने सघन वनक्षेत्र में कोयला खदान संचालन करने का विरोध किया है। इस आंदोलन में अब आम आदमी पार्टी कूद गई है। आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों के साथ ही पदाधिकारियों को राज्य व केंद्र सरकार को घेरने के लिए बड़ा मुद्दा मिल गया है।

हसदेव बचाओ,जंगल बचाओ,आदिवासी बचाओ और छत्तीसगढ़ बचाओ जैसे प्रभावी नारों के साथ सड़क की लड़ाई शुरू कर दी है। प्रदेशभर में आंदोलन की शुस्र्आत कर दी है। बुधवार को बिलासपुर जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया था। आप के साथ ही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना भी विरोध में आ गई है। हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल खनन की अनुमति के विरोध में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने मानव श्रृंखला बनाया था।

इसके जरिए प्रभावी विरोध दर्ज कराया था। आम आदमी पार्टी के बैनर तले शुक्रवार 13 मई को अंबिकापुर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। आप के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अलावा प्रभावित आदिवासियों के परिवार के अलावा आमजनों की सहभागिता का दावा आप के पदाधिकारियों ने किया है। कलेक्टोरेट का घेराव कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंेपेंगे। आप के पदाधिकारियों की कोशिश है कि विरोध प्रदर्शन के बहाने छत्तीसगढ़ में राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा किया जाए।

10 हजार आदिवासी होंगे विस्थापित

आप की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला का कहना है कि हसदेव अरण्य के सघन वन क्षेत्र में कोयला खदान शुरू होने से तकरीबन 10 हजार आदिवासी परिवार प्रभावित होंगे। इनके सामने जीवन यापन के साथ ही रहवास की बड़ी समस्या उठ खड़ी होगी। पीढ़ी-दर-पीढ़ी वनों में रहने वाले आदिवासियों के सामने जीवनयापन की समस्या भी सामने आएगी। इसके अलावा इस क्षेत्र में तकरीबन साढ़े चार लाख पेड़ों की कटाई होगी। इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में गंभीर पर्यावरण समस्या खड़ी होगी। जल संकट का सामना भी करना पड़ेगा। सघन वन क्षेत्र को विरान करने का दुष्प्रभाव छत्तीसगढ़वासियों को झेलना पड़ेगा।

महापौर हेमा सुदेश देशमुख ने किया घाटे का बजट पेश
पक्ष-विपक्ष दोनों के नेताओं ने साधा एक-दूसरे के बड़े नेताओं पर निशाना

राजनांदगांव। यहां के नगर निगम में सत्तासीन कांग्रेस महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने आज पूर्वाह्न घाटे का बजट पेश किया। बजट बैठक शुरूआती दौर से विपक्ष हंगामें, बहिर्गमन, पोस्टरबाजी और नारेबाजी की भेंट चढ़ गया और इसी बीच निगम अध्यक्ष हरिनारायण धकेता ने बजट पारित होने की घोषणा कर दी। यह भी उल्लेखनीय है कि निगम में दोनों के नेताओं ने एक-दूसरे के बड़े नेताओं (मुख्यमंत्री-पूर्व मुख्यमंत्री) पर निशाना साधा।
निगम इतिहास में शायद ही हुआ होगा कि इतनी जल्दी बजट पास हो गया हो। पूर्वाह्न से बैठक शुरू होकर रात-देर रात तक भी बजट पारित हुए हैं। इस सालाना निगम बजट मंे पार्षद शिव वर्मा भाजपा के बाकी 18 पार्षदों के बहिर्गमन के बाद सदन में भारी पड़ते रहे। वॉकआऊट करने वाले विपक्षी पार्षदगण टाऊनहाल के नार्दर्न गेट पर आधी धूप-आधी छांव में बैठकर नारेबाजी करते रहे। वे कह रहे थे कि सभापति होश में आओ। सभापति को महापौर की गुलामी से निकलना होगा। तब तक 12.00.12.15 बजे से तक भाजपा के शहर अध्यक्ष दक्षिण ब्लॉक तरूण लहरवानी, उपाध्यक्ष अशोकादित्य, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रखर वैष्णव, महामंत्री हकीम खान आदि भी सदन की कार्यवाही देखने गणमान्य लोगों की भांति ही गए थे। फिर पौने एक बजे जैसे ही शिव वर्मा सदन छोड़ कर बाहर गये वेसे ही सभापति ने दोपहर 12.49 बजे बजट पारित होने की घोषणा कर दी।
बजट इस प्रकार
महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने अपने तीसरे वर्ष के बजट अभिभाषण में बताया है कि वर्ष 2021-22 के बजट प्रावधानों के विरूद्ध पुनरीक्षित आय 361 करोड़ 52 लाख 34 हजार रू. तथा पुनरीक्षित व्यय 383 करोड़ 29 लाख 63 हजार रू. है। बजट अनुमान अंतर्गत कुल अनुमानित आय 472 करोड़ 18 लाख 21 हजार रू. तथा व्यय 503 करोड़ 11 लाख 46 हजार रू. था, जबकि वर्ष 2021-22 में प्रारंभिक अवशेष 30 करोड़ 47 लाख 99 हजार रू. था। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट प्रावधान में प्रस्तावित आय 434 करोड़ 22 लाख 35 हजार रू. तथा व्यय 466 करोड़ 5 लाख 51 हजार रू. है। वर्ष 2022-23 की अनुमानित प्रारंभिक अवशेष राशि 31 करोड़ 57 लाख 55 हजार की संभावना है। इसे मिलाकर कुल आय 465 करोड़ 79 लाख 90 हजार रू. होता है। इस प्रकार घाटे का बजट 25 लाख 61 हजार रूपये है।

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