‘मोदी जी EVM नहीं, दिलों को हैक करते हैं…,’ लोकसभा में बोलीं कंगना रनौत, भाषण पर सदन में बजने लगी टेबल

Kangana Ranaut On Pm Modi: संसद में चुनाव सुधार (SIR) पर बहस के दौरान बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा। कांग्रेस और विपक्ष के वोट चोरी (Vote Chori) और ईवीएम हैकिंग (EVM hacking) के आरोपों को जवाब देते हुए कंगना रनौत ने कहा कि मोदी जी EVM नहीं, दिलों को हैक करते हैं (Modi doesn hack EVM, he hacks hearts)। कंगना के इस भाषण के बाद सत्ता पक्ष के सभी सांसदों ने टेबल बजाकर स्वागत किया। वहीं विपक्ष चुपचाप बस कंगना को सुनते रहा।

लोकसभा में 9 दिसंबर को चुनाव पर सुधार पर चर्चा शुरू हुई थी। कांग्रेस की तरफ से ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए कहा गया था कि ईवीएम पर लोगों को संदेह है, ऐसे में उसे दूर करने के लिए आने वाले राज्यों के चुनाव बैलेट पेपर से कराने चाहिए। इसके अलावा नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और चुनाव आयोग से मिलीभगत के आरोप लगाए थे। आज लोकसभा में इस विषय पर हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत ने भी अपनी बात रखी।

कंगना ने कहा कि, ‘ये लोग (कांग्रेस) पुराने जमाने के दकियानूस तौर तरीके से चुनाव कराने, बैलेट पेपर पर वोटिंग कराने की वकालत कर रहे हैं। आप सभी इंदिरा गांधी और राज नारायण केस को भूल चुके हैं। वो केस इतिहास में दर्ज हो चुका है। इस पर मैंने एक फिल्म भी बनाई है। राजनारायण के मामले भी वोट चोरी, वोट की धांधली हुई थी। इसमें उस दौरान की प्रधानमंत्री के खिलाफ एक साधारण इंसान कोर्ट चला गया और इंदिरा गांधी की वोट चोरी पकड़ी गई थी।

दिल दहल जाता है इनको देखकर

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि ये हर दिन एसआईआर, एसआईआर कर हंगामा कर रहे थे। दिल दहल जाता था इनको देखकर, कल राहुल गांधी जी जब बोल रहे थे, बार-बार वही खादी में धागा है, धागे से कपड़ा है, करते रहे। अंत में वह ले देकर विदेशी महिला की फोटो पर आ गए। वह खुद कई बार कह चुकी हैं कि कभी भारत नहीं गई हूं। उनकी तस्वीर का प्ले कार्ड में इस्तेमाल किया। उनके पर्सनालिटी राइट्स का भी ध्यान नहीं रखा। इसके लिए मैं संसद की तरफ से माफी मांगती हूं।

वन नेशन- वन इलेक्शन पर भी बोंली कंगना

कंगना ने कहा कांग्रेस चरित्र में मर्यादा नहीं है। कंगना ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’की बात की, जिससे बार-बार चुनाव कराने की असुविधा और आर्थिक नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने ने इसे लोकतंत्र के उत्सव के रूप में मनाने की बात कही और इस प्रस्ताव को लागू करने की अपील की।

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