मोहन भागवत का बड़ा बयान, जनसंख्या को लेकर

 

RSS Dussehra 2022: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि भारत में जनसंख्या पर एक समग्र नीति बने जो सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को छूट न मिले. विजयादशमी उत्सव पर RSS के नागपुर मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ धार्मिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी अहमियत का विषय है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.

उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन भौगोलिक सीमाओं में बदलाव का कारण बनती है. ऐसे में नई जनसंख्या नीति सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को छूट नहीं मिलनी चाहिए. चीन की वन फैमिली-वन चाइल्ड नीति का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा, ‘जहां हम जनसंख्या पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं, वहीं हमें देखना चाहिए कि चीन में क्या हो रहा है. उस देश ने वन फैमिली-वन चाइल्ड नीति को अपनाया और अब वह बूढ़ा हो रहा है.’

‘भारत 30 साल तक युवा बना रहेगा’

उन्होंने कहा कि भारत में 57 करोड़ युवा आबादी के साथ यह राष्ट्र अगले 30 वर्षों तक युवा बना रहेगा. भागवत ने कहा कि सनातन धर्म के सामने दो तरह की रुकावटें हैं जो भारत की एकता और प्रगति से दुश्मनी रखने वाली ताकतों ने पैदा की हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें गलत बातें और धारणाएं फैलाती हैं, अराजकता को बढ़ावा देती हैं, आपराधिक कामों में शामिल होती हैं, आतंक, संघर्ष और सामाजिक अशांति को बढ़ावा देती हैं.

भागवत ने कहा, केवल समाज के मजबूत और सक्रिय सहयोग से ही हमारी सुरक्षा व एकता तय हो सकती है. उन्होंने कहा, शासन और प्रशासन के इन शक्तियों के नियंत्रण और उन्मूलन की कोशिशों में हमें मददगार बनना चाहिए. समाज का मजबूत व सफल सहयोग ही देश की सुरक्षा व एकात्मता को सुनिश्चित कर सकता है.

‘सामाजिक समानता जरूरी’

उन्होंने कहा कि संविधान के कारण राजनीतिक और आर्थिक समानता का रास्ता साफ हो गया है. लेकिन सामाजिक समानता को लाए बिना वास्तविक व टिकाऊ परिवर्तन नहीं आएगा. ऐसी चेतावनी बाबा साहब आंबेडकर जी ने सभी को दी थी. उन्होंने कहा, ‘हमें कोशिश करनी चाहिए कि हमारे दोस्तों में सभी जातियों और आर्थिक समूहों के लोग हों ताकि समाज में और समानता लाई जा सके.’

सरसंघचालक ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में स्वार्थ और द्वेष के आधार पर दूरियां और दुश्मनी बनाने का काम स्वतंत्र भारत में भी चल रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के बहकावे में न फंसते हुए, उनका विरोध करना चाहिए.

‘भारत बन रहा आत्मनिर्भर’

उन्होंने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं. शिक्षा की अहमियत पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति बननी चाहिए, यह अच्छा विचार है. विजयादशमी उत्सव में इस साल प्रसिद्ध पर्वतारोही संतोष यादव मुख्य अतिथि थीं. संघ प्रमुख ने कहा कि संघ के कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में महिलाओं की मौजूदगी की परंपरा पुरानी रही है.

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