जगदलपुर. पिछले 4 दशकों से बस्तर नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. बस्तर में 80 से अधिक सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित हैं. बावजूद बस्तर से नक्सलवाद पूरी तरीके से खत्म नहीं हो पाया है. हालांकि पिछले 3 दशकों में 2024 नक्सलियों के लिए घातक साबित हुआ है. सुरक्षा बलों ने चार महीनों में 91 से अधिक नक्सलियों काे मार गिराया है और सभी नक्सलियों की बॉडी भी बरामद कर ली है. वहीं मुठभेड़ में 100 से अधिक हथियार बरामद किए गए हैं.
इस साल 205 माओवादियों की गिरफ्तारी और 231 नक्सलियों ने नक्सलवाद छोड़ मुख्यधारा में जुड़े हैं. देखा जाए तो 2024 में नक्सलियों की कमर टूट गई है. कई बड़े कैडर के नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है, जिसमें बड़े नाम के तौर पर DVCM शंकर राव, अशोक, जोगन्ना शामिल हैं. सभी इनामी नक्सलियों को मिलाकर अब तक 1 करोड़ 80 लाख से अधिक ईनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है. वहीं इन मुठभेड़ में कई आधुनिक हथियार भी बरामद किए गए हैं, जिसमें दो LMG, चार AK47 , तीन इंसास, एक SLR , चार 3नॉट3 और कई भरमार बंदूक के साथ भारी मात्रा में विस्फोटक समान शामिल हैं.
दरअसल नक्सलियों का टीसीओसी का महीना चल रहा है और TCOC टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन में माओवादी अपने नए लड़कों को ट्रेनिग देते हैं और जवानों से मुठभेड़ कर प्रेक्टीकली नए लड़कों को एम्बुस लगाना, जवानों को नुकसान पहुंचाना, हथियार लुटाना सिखाते हैं. यही वजह रही कि माओवादियों के इस माह में जवानों को अधिक नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन 2024 में इसके उलट परिणाम देखने को मिल रहा है. पहली बार नक्सलियों को TCOC माह में भारी चोट पहुंची है.
बस्तर में अब तक जितनी भी बड़ी घटनाएं हुई है वे सभी TCOC के समय में ही हुई है. ताड़मेटला से लेकर झीरम हत्या कांड तक मीनपा से लेकर टाहकवादा तक सभी घटनाओं को नक्सली टीसीओसी के समय ही अंजाम दिए हैं.
TCOC के दौरान हुई प्रमुख घटनाएं
- 26 अप्रैल 2023 में दंतेवाड़ा के अरनपुर में आईडी ब्लास्ट से 10 डीआरजी जवान के साथ एक ड्राइवर की शहादत.
- 3 अप्रैल 2021 बीजापुर जिले में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए.
- 23 मार्च 2021 नारायणपुर के कोहकामेटा आईईडी ब्लास्ट में पांच जवान शहीद.
- 21 मार्च 2020 सुकमा के मीनपा हमले में 17 जवान शहीद हुए.
- 25 अप्रैल 2017 सुकमा के बुर्कापाल बेस कैंप पर हमले में CRPF के 32 जवान शहीद हुए.
- 6 मई 2017 सुकमा के कसालपाड़ हमले में 14 जवानों की शहादत हुई.
- मार्च 2017 सुकमा के भेज्जी हमले में CRPF के 11 जवान शहीद हुए थे.
- 12 अप्रैल 2015 दरभा में पांच जवान शहीद हुए, एंबुलेंस ड्राइवर और स्वास्थ्य कर्मी की मौत हुई.
- 11 मार्च 2014 टाहकावाड़ा नक्सली हमले में 15 जवानों की शहादत हुई.
- 25 मई 2013 झीरम घाटी हत्याकांड में 30 से अधिक कांग्रेसी नेता और जवान शहीद हो गए थे.
- 6 अप्रैल 2010 ताड़मेटला हमले में CRPF के 76 जवानों की शहादत हुई थी.