नई दिल्ली. कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत को अपने बिजनेस के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान मानती हैं. भारत में पहले से काम कर रही ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश की ग्रोथ को लेकर भी काफी सकारात्मक बनी हुई हैं. ऐसा तब है जब पूरे विश्व पर आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सीआईआई-ईवाई के एक सर्वे में यह बात सामने आई हैं. सर्वे के अनुसार, भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) अगले 5 साल में 475 अरब डॉलर (39.12 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है.
इस सर्वे के अनुसार, 71 फीसदी मल्टीनेशनल कंपनियां (एमएनसी) भारत को अपने बिजनेस के वैश्विक विस्तार के लिए महत्वूर्ण स्थान के रूप में देखती हैं. सर्वे में शामिल हुए 96 फीसदी कंपनियां भारत के विकास को लेकर काफी सकारात्मक हैं. उनका मानना है कि अगले 3-5 साल में (लघु अवधि) भारतीय अर्थव्यवस्था बेहद शानदार प्रदर्शन करने वाली है. यह सर्वे ‘विजन- डेवलप्ड इंडिया: ऑपर्च्यूनिटीज एंड एक्सपेक्टेशंस ऑफ एमएनसीज’ नामक रिपोर्ट में प्रकाशित हुआ है.
लगातार बढ़ा एफडीआई
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले दशक में लगातार विदेशी निवेश (एफडीआई) में इजाफा हुआ है. तनावपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों और कोरोना वायरस के प्रभाव के बावजूद वित्त वर्ष 2022 में भारत को 84.8 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था. शनिवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा था कि भारत इस वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त करने की राह पर है. इसमें आर्थिक रिफॉर्म्स और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बड़ा योगदान है. आपको बता दें कि अप्रैल-जून तिमाही में भारत में एफडीआई 6 फीसदी गिरकर 16.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 21 में भारत को 81.9 अरब डॉलर का एफडीआई मिला था. इसका 10 फीसदी हिस्सा इंफ्रास्टक्चर गतिविधियों के लिए आया था.
सीआईआई का बयान
सीईआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है, “बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि के सामने आ रही चुनौतियों और नई भू-राजनीतिक समस्याओं के बावजूद एमएनसीज द्वारा भारत को आकर्षक निवेश स्थल माना जाना काफी सुकून की बात है. हमारा मानना है कि सरकार की ओर से किए बदलावों के कारण एमएनसीज का भारत में निवेश औक घरेलू सप्लाई चेन में उनका योगदान बढ़ेगा.