गणेशोत्सव के शुरू दिन हिचकोले खाते निकली शोभायात्रा
राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। संस्कारधानी की दवा दुकानों में मूव और आयोडेक्स जैसे मलहम की बिक्री बढ़ गये होने की जानकारी मिल रही है। कारण कि यहां की सड़कें जगह – जगह उखड़कर, ऊबड़ खाबड़ हो गई है। जगह -जगह गड्ढे हो गए है। जिन पर साइकिलें, मोटर-साइकिलें चलाने वालों को कुछ ज्यादा ही जोर के हिचकोले खाने पड़ते है। और अनेक बार तो नस लग जाती है, मोच आ जाता है। राजनांदगांव की सड़कें को देखकर इतना तो भरोसे के साथ कहा जा सकता है कि आसमान के तारे गिने जा सकते है पर संस्कारधानी के सड़कों के गड्ढे नहीं गिने जा सकते।
प्रथम पूज्य बप्पा मोरया को भी खाने पड़े हिचकोले
उल्लेखनीय है कि राजनांदगांव शहर की गणेश उत्सव परंपरा अविभाजित मध्यप्रदेश में इंदौर के बाद विशिष्ट रही है। और छत्तीसगढ़ राज्य अव्वल है। यह जानते हुए भी नगरनिगम प्रशासन ने यहां की सड़कों की सुध ली। दस दिनी गणेश उत्सव के पहले दिन पूरे शहर में शोभायात्रा के दौरान गणेशजी की पार्थिव प्रतिमाओं को काफी हिचकोले खाने पड़े। मूर्तियां बहुत ही मुश्किल से बच पायी है। शोभायात्रा में डांस करने वालों को भी गड्ढों से भरी सड़कों ने काफी तकलीफ दी है।
दयनीय है सड़कों की हालत; हो चुके है कई हादसे
राजनांदगांव शहर में विगत वर्ष से शहर की सड़कों गलियों की जेसीबी से ऐसी जमकर खुदाई हुई। जैसे किसानों की खेतीबाड़ी को जंगली सुअर खोद डालते है। गड्ढे पाटे भी गये तो सलीके से नहीं। यूं ही या रफ तरीके से भरे गये।
जर्जर सड़कें कुछ इस प्रकार
दैनिक पहुना ने आज शहर की कई सड़कों का मुआयना किया। शहर के अतिव्यस्ततम बाजार क्षेत्र में गुड़ाखू लाईन, जूनी हटरी तिराहे, जयस्ंतभ चौक, हमाल पारा, शनिमंदिर रोड, आजाद चौक, कामठी लाईन, भारत माता चौक,गंजलाईन, रामाधीन मार्ग,सुरजन गली,सदर बाजार, नंदई, पुराना बस स्टैण्ड आदि में सड़कों का बुरा हाल है तो शहर के आऊटर की सड़कों की क्या दशा होगी। समझा जा सकता है कि रामनगर, मोतीपुर क्षेत्र की सड़कों का तो बुरा हाल है। पेचवर्क इक्के -दुक्के जगह पर हो भी रहे तो टिकाऊ नहीं है।
’’पक्का पेचवर्क बरसात के मौसम में संभव नहीं है। गणेशोत्सव में बजरा डालकर कच्चा पेचवर्क करा रहें हैं। कुछ दिन पहले और करायें थे। सड़कों के डामरी करण के लिये सात करोड़ रूपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।’’
यू के रामटेके (ई.ई.) नगर निगम
’’ शांति समिति की बैठक में तय हुई है गड्ढों को भरा जाना है। अभी डस्ट डाल रहे है, पक्का पेचवर्क अभी बारिश में नहीं हो सकता। अक्टूबर-नवंबर में डामरीकरण होगा। शासन को प्रस्ताव अभी भेजा गया हैैं।
श्रीमती हेमा देशमुख (महापौर)