कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान वकीलों की जोरदार जिरह हुई। एडवोकेट कुमार ने बेंच के सामने कई दलीलें दी जिनमें से एक में यह कहा कि सरकार अकेले हिजाब का मुद्दा क्यों उठाकर यह शत्रुतापूर्ण भेदभाव क्यों कर रही है? चूड़ियां पहनी जाती हैं, क्या वे धार्मिक प्रतीक नहीं हैं, आप इन बेचारी मुस्लिम लड़कियों को क्यों चुन रहे हैं।
हालांकि बुधवार को भी कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले पर कोई फैसला नहीं आ सका। सीनियर एडवोकेट आदिश अग्रवाल ने इंटरवेंशन एप्लिकेशन के बारे में बताया, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि केस में किसी भी इंटरवेंशन की सुनवाई तब तक नहीं होगी जब तक कि जरूरी न हो। मामले की सुनवाई गुरुवार दोपहर को होगी।
हिजाब पर जिरह के जोरदार मोमेंट्स
एडवोकेट कुमार : अधिनियम (कर्नाटक शिक्षा अधिनियम) या हिजाब पहनने पर रोक लगाने वाले नियमों में कोई प्रावधान नहीं हैं।
जस्टिस दीक्षित: यह सही सवाल नहीं हो सकता है। अगर इसे ऐसे ही देखा जाए तो कोई भी कह सकता है कि क्लास में हथियार ले जाने के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोई रोक नहीं है। मैं तार्किक रूप से विश्लेषण कर रहा हूं कि आपका प्रस्ताव हमें किस ओर ले जा सकता है।
यदि ऐसा नहीं होता है तो कृपाण ले जाने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, नियम 9 के तहत इसे निर्धारित करने की शक्ति है। इस पर अलग से बहस करने की जरूरत है।
एडवोकेट कुमार : सर, जब सौ चिन्ह हैं तो सरकार हिजाब को ही क्यों उठा रही है। चूड़ियां भी पहनी जाती हैं…
जस्टिस दीक्षित : हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब तक कागज की प्रामाणिकता स्थापित नहीं हो जाती, हम उसके कहे अनुसार नहीं चल सकते।
एडवोकेट कुमार : मैं समाज के सभी वर्गों में धार्मिक प्रतीकों की विशाल विविधता को ही दिखा रहा हूं। सरकार अकेले हिजाब को क्यों उठा रही है और यह शत्रुतापूर्ण भेदभाव कर रही है? चूड़ियां पहनी जाती हैं? क्या वे धार्मिक प्रतीक नहीं हैं? आप इन बेचारी मुस्लिम लड़कियों को क्यों चुन रहे हैं?
एडवोकेट कुमार : मेरा कहना है कि अगर पगड़ी पहनने वाले लोग सेना में हो सकते हैं, तो धार्मिक चिन्ह वालों को क्लासेस में जाने की अनुमति क्यों नहीं है।
बजरंग दल ने कहा ये हिजाब जिहाद है
10वीं तक के स्कूल सोमवार से खुल चुके हैं। बुधवार से स्कूल कॉलेज दोबारा खुले, लेकिन जब शिवमोगा के कॉलेज में स्टूडेंट्स से हिजाब हटाकर क्लास में बैठने कहा गया तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। 30 स्टूडेंट्स कॉलेज से बाहर निकल आए। कॉलेज ने इन छात्राओं से कोर्ट के आदेश के अनुसार फैसला आने तक हिजाब न पहनने की बात कही थी।
दूसरी तरफ कर्नाटक के बजरंग दल संयोजक सुनील केआर ने हिजाब विवाद को हिजाब जिहाद नाम दिया है।
लड़कियों की लगाई आग से पूरा राज्य जल रहा
विश्व हिंदू परिषद की पूर्णिमा सुरेश ने कहा है कि हिजाब पहनकर लड़कियां यह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि हम अलग हैं। वे फूट पैदा कर रही हैं। यह जिहाद है। हिंदू और मुस्लिम लड़कियां जो एक साथ खाती थीं, अब एक-दूसरे को अंतर की नजर से देख रही हैं। उन्होंने कहा-हम अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन वे नहीं कर रहे हैं। कुछ जगहों पर हिजाब की अनुमति दी गई थी, लेकिन इन लड़कियों ने आग लगा दी जिसने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया। हम NIA जांच की मांग करते हैं।