रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित पद का दर्जा दे दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांतीय सम्मेलन में की. इसके साथ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि उनका समय पर प्रमोशन जरूर होगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कनिष्ठ अधिकारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन में अधिकारियों-कर्मचारियों के जिम्मेदारियों की बात करते हुए कहा कि आप सभी प्रशासन के महत्वपूर्ण अंग हैं, और आपको बहुत सारे विविधतापूर्ण कार्य करने होते हैं. उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों ने कोविड आपदा के समय महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाने और लोगों को सहायता पहुंचाने का काम किया था, जिसकी वजह से पूरे देश में छत्तीसगढ़ की सराहना हुई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि बिना किसी शिकायत के पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख एकड़ भूमि गौठानों के लिए आरक्षित की गई. यह काम कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों-कर्मचारियों का कार्य के प्रति समर्पण को दिखाता है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यों में कसावट और जनता की सेवा करने के जज्बे की वजह से आज सुकमा जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में भी जाति प्रमाण पत्र, नामांतरण और बंटवारा प्रमाण पत्र लोगों को उनके घर जाकर दिया जा रहा है.
सम्मेलन में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने नए तहसीलों और अनुविभाग की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरा किया. आम लोगों को सहूलियत हो और सरकार लोगों तक पहुंचे इसके लिए नए जिलों की स्थापना की गयी है.
मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे देश में सिर्फ तहलीदार ही एक ऐसा पद है जो भारत ही नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी देशों में भी इसी नाम से जाना जाता है. अतः जितना बड़ा इस पद का नाम है उसकी जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी है जिसे अच्छी तरह से निभाना आप सभी की जिम्मेदारी है.
राज्य स्तरीय प्रांतीय सम्मेलन में कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की तरफ से प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे, सचिव विक्रांत सिंह राठौर, प्रवक्ता शशिभूषण सोनी समेत राज्य भर से आए तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे.