प्रकृति प्रेमियों ने किया मंत्री ताम्रध्वज साहू का विरोध, जानें वजह?

बिलासपुर। प्रकृति प्रेमियों के भारी विरोध और मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू का दौरा रद्द होने के बीच प्रवासी पक्षियों के बसेरे खूंटाघाट जलाशय के टापू में शुक्रवार को रेस्टोरेंट्स और ग्लास हाउस के निर्माण की आधारशिला रख दी गई। कार्यक्रम के दौरान आम आदमी पार्टी और रतनपुर के ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। अन्य संगठनों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से शिकायत भी की है।

बिलासपुर शहर से 35 किलोमीटर दूर बने खूंटाघाट बांध में करीब डेढ़ एकड़ का एक टापू है। किसी समय यहां घना जंगल हुआ करता था लेकिन तस्करों ने यहां की काफी लकड़ियां काट दी हैं। इसके बावजूद यहां हर साल हजारों की तादाद में विदेशों से दुर्लभ पक्षी उड़ कर आते हैं। कई महीनों तक डेरा डालने के बाद ये वापस अपने देश लौट जाते हैं। इन्हें देखने के लिए सैकड़ों पर्यटक रोजाना खूंटाघाट बांध पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने अब इस टापू पर 100 लोगों की क्षमता का एक ग्लास हाउस तथा रेस्टोरेंट बनाने की आधारशिला रख दी है। शुक्रवार को इस कार्यक्रम में प्रदेश के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू पहुंचने वाले थे। गुरुवार से पर्यटन मंडल की इस योजना का विरोध होने लगा था। इसी बीच साहू का दौरा कार्यक्रम रद्द हो गया। इसके बावजूद पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण चौहान और बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव की मौजूदगी में शिलान्यास कार्यक्रम रखा गया। पर्यावरण प्रेमियों ने इस प्रस्तावित योजना तथा शिलान्यास के कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की थी। लेकिन उनके विरोध के बीच ही यह कार्यक्रम हुआ।

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