दंतेवाड़ा। देश सेवा के लिए युवा निकल पड़े हैं, लेकिन उनके पीछे है उनका परिवार। जहां एक तरफ जवान मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं वहीं हमारे देश की सरकार उनके परिजनों की सुरक्षा को कुछ खास अहमियत नहीं देती। बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।
इस वनांचल के लोग बारूदों के ढेर में पलते-बढ़ते हैं। इसके बाद वे अपने जीवन को मातृभूमि की सेवा में समर्पित कर देते हैं। ऐसे ही बीजापुर के दरभा गांव के कुछ युवा अपनी मेहनत से सीआरपीएफ में भर्ती हुए। इसके बाद से बौखलाए नक्सलियों ने देर रात इनके घर पर दस्तक दी और परिजनों को जान से मारने की धमकी देकर गांव से ही निकाल दिया।
दरअसल, बीजापुर के दरभा गांव के तीन युवाओं का चयन सीआरपीएफ में हो गया है। इससे बौखलाए नक्सलियों ने उनके परिजनों को तुगलकी फरमान सुनाते हुए गांव से ही निकाल दिया। डरे-सहमे परिजन रशद-राशन लेकर अपने पूरे आशियाने, खेत-खलिहान को छोड़कर वहां से पलायन कर गए। बीजापुर के दरभा गांव को छोड़कर अब वे अपने रिश्तेदारों के यहां दंतेवाड़ा आ गए हैं।