गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर में बुधवार को आदिवासियों के विरोध-प्रदर्शन से नेशनल हाईवे जाम हो गया है। इस दौरान उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दिनभर चक्काजाम रहा जिसके कारण आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 7 फरवरी को नक्सल सहयोगी राकेश कश्यप की गिरफ्तारी की गई थी। आदिवासी इस गिरफ्तारी का ही विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए थे। उनका कहना है कि गिरफ्तार आरोपी राकेश निर्दोष है।
मिली जानकारी के अनुसार, 7 फरवरी को धमतरी और गरियाबंद पुलिस ने 4 नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। इनमें ताम्रध्वज उर्फ रिंकू (26 वर्ष), शिवकुमार साहू (55 वर्ष), राकेश कश्यप (36 वर्ष) और ईश्वर लाल (35 वर्ष) शामिल थे। इनके पास से 12 वॉकीटॉकी हैंडसेट, वर्दी, बैनर, मोबाइल, नक्सली साहित्य, पर्चा और बाइक जब्त किया गया था। इनमें से राकेश कश्यप काटीपारा छोटे गोबरा मैनपुर का रहने वाला है। प्रदर्शनकारी राकेश की गिरफ्तारी का विरोध करने पहुंचे। उनका कहना है कि राकेश निर्दोष है। उन्होंने कहा है कि जब तक राकेश कश्यप की रिहाई नहीं होती, तब तक वे चक्काजाम करते रहेंगे।
गिरफ्तारी के विरोध में आदिवासियों ने पहले तो मैनपुर थाने का घेराव किया, फिर सामूहिक गिरफ्तारी देने लगे। आदिवासियों की इस भीड़ को देखते हुए वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने आदिवासियों को काफी समझाया और निष्पक्ष जांच की बात कही। जिसके बाद देर शाम लोगों ने अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म किया। इसके बाद यातायात व्यवस्था को सुचारू किया गया।