राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के माध्यम से मेडिकल पीजी सीटों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया 12 जनवरी से शुरू हो चुकी है। लेकिन राज्य में प्राइवेट मेडिकल कालेज की सीटों के लिए शासन स्तर पर फीस का निर्धारण नहीं हुआ है। इसे लेकर चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जल्द ही पजी कोर्स के लिए फीस निर्धारित करने की मांग की है।
बता दें कि राज्य में एएफआरसी (एडमिशन एंड फीस रेगुलेशन कमीशन) नहीं होने की वजह से प्राइवेट कालेजों ने पीजी की एक-एक सीटों के तीन साल की फीसद 1.13 करोड़ तक मांगे हैं। यानी पीजी की एक सीट पर एक वर्ष की फीस 37 लाख से अधिक निर्धारित हुई है। कालेजों द्वारा मनमानी फीस को लेकर दाखिले की प्रक्रिया के बीच छात्रों की समस्याएं बढ़ गई है।
निजी मेडिकल कालेज ने जब अपनी प्रस्तावित फीस प्रकाशित की थी, तब उन्होंने नोटरी पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि 11 नवंबर 2021 को ही अपनी फीस का प्रस्ताव शासन भेज दिया है। पर अब तक उसका कोई जवाब नहीं मिला है। ऐसे में कालेजों ने अपने हिसाब से फीस निर्धारित कर लिया है। एएफआरसी गठित कर जल्द ही फीस निर्धारित नहीं किया जाता है। तो छात्रों को तय अधिक राशि देनी पड़ेगी। ऐसे में मुख्यमंत्री से जल्द ही समस्या के निराकरण की मांग की गई है। पत्र लिखने वालों में डा. सौरव सुमन, डा. कुणाल कुमार, अनुराग सोनी, यशवंत आदि हैं।
प्रदेश के शासकीय मेडिकल कालेजों में पीजी सीटें
कालेज – सीटें
रायपुर – 142
बिलासपुर – 36
जगदलपुर – 10
रायगढ़ – 6
राजनांदगांव – 7
कुल – 201
प्रदेश के प्राइवेट कालेजों में पीजी
श्री शंकराचार्य दुर्ग – 57
रिम्स रायपुर – 42
कुल – 99
फीस तय करने को राज्य में आयोग नहीं
फीस निर्धारण एएफआरसी से होता है। इस वक्त राज्य में यह आयोग नहीं है। शासन स्तर का मामला है। शासन को हमने फीस निर्धारण के लिए पत्र लिखा है। -डा. विष्णु दत्त, संचालक, चिकित्सा शिक्षा विभाग