कंचनबाग अवैध प्लाटिंग मामले में न अर्थदंड न एफ आई आर; क्या तोड़ फोड़ ही काफी है?

 

लेन देन कर मामला को दबाने का प्रयास किया जा रहा है

राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। नगर निगम की वार्ड संख्या 33 के कंचनबाग इलाके में अवैध प्लाटिंग मामले में लेन-देन कर मामला दबाये जाने की बात छनकर सामने आयी है। मामला सुर्खियों में आने पर निगम प्रशासन ने बीते 9 सितंबर को कॉलोनाइजर द्वारा कराए गये अवैध सड़क व नाली निर्माण को तोड़ फोड़ कर मुरूम जब्त किया तो क्या इतनी सी कार्यवाही काफी है? क्या संबंधित के खिलाफ अर्थदंड की कार्यवाही भी नहीं होनी चाहिए? दोषी के विरूद्ध थाने में एफ आई आर भी क्यों नहीं लिखाई जा रही है? ऐसे अनेक सवाल हैं जिन्हें लेकर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों- जनप्रतिनिधियों पर उंगली उठ रही है।प्राप्त जानकारी के अनुसार राजनांदगांव के अवैध प्लाटिंग के मामलों के गूंज छत्तीसगढ़ विधान सभा तक में हो चुकी है।

इधर निगम प्रशासन भी अवैध प्लाटिंग में लिप्त भूस्वामियों, कॉलोनाइजरों को रेरा कानून,नगर निगम अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं तथा कॉलोनाइजर एक्ट के तहत नोटिस जारी करता रहा है। छोटे मोटे भूस्वामियों पर कार्यवाही भी होती रही है, लेकिन दस एकड़ से ज्यादा के प्लाटिंग करने वाले बड़े भूस्वामियों या बड़े कॉलोनाइजरों को कड़ी कार्यवाही से बचाया जाता रहा है। ऐसे में लेन देन की बातें सामने आ रही हैै।

पूर्व के वर्षों में तत्कालीन कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य द्वारा निगम के 430 खसरा नंबरों पर अवैध प्लाटिंग के मामले में कार्यवाही के आदेश दिये थे लेकिन इसके बावजूद मामलें दब गये। स्वयं नगर निगम द्वारा 450 अवैध खसरे के भूस्वामियों को 5 करोड़ रूपये की वसूली की नोटिस जारी की गई थी। उसके बाद कितनी राशि नकद और कितनी चेक के माध्यम से वसूली गई इसकी भी जानकारी सार्वजनिक नही की गई है।

’’ हमने कंचनबाग वाले मामले में नाली, सड़क के रूप में जो स्ट्रक्चर बना था उसे तोड फोड़ दिये हैं। नोटिस भी दे दिये हैं। कॉलोनाइजर को इससे नुकसान हुआ तो है। ऐसी और शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे। ’’
यू. के. रामटेके ई.ई.नगर निगम

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