नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति से रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. सरकार द्वारा इस सप्ताह के अंत में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति किए जाने की उम्मीद है.
कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति पर नया कानून स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के खिलाफ है. इस याचिका में यह भी कहा गया है कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है, क्योंकि लोकसभा चुनावों की घोषणा जल्द ही हो सकती है और एक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.
15 मार्च को हो सकती है चयन समिति की बैठक
इससे पहले उच्च पदस्थ सूत्रों ने रविवार को जानकारी दी कि नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नामों को अंतिम रूप देने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की 15 मार्च को बैठक होगी. निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने रिटायरमेंट और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद रिक्त हो गए हैं.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं. समिति की बैठक 15 मार्च को होगी और निर्वाचन आयुक्तों के रूप में नियुक्ति के लिए नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा. इसके बाद निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
बता दें कि निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया था. गोयल का कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद वह अगले साल फरवरी में संभवत: सीईसी का पदभार संभालते.
कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया. रिटायर्ड नौकरशाह गोयल पंजाब कैडर के1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे. फरवरी में अनूप चंद्र पांडे की रिटायरमेंट और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं. (भाषा इनपुट के साथ)