मुंबई: होम क्वारेंटाइन में रहने वाले यात्रियों की निगरानी के लिए बीएमसी (BMC) ने अपना नया मास्टर प्लान तैयार किया है. जिसके तहत अब राजधानी में ओमिक्रॉन (Omicron) पर प्रशासन के अचूक वार करने की पुख्ता तैयारी की गई है. BMC के इस प्लान के तहत इन 4 बिंदुओं पर आगे बढ़ते हुए मुंबई में पहले की तरह हालात नहीं बिगड़ने दिए जाएंगे.
1. सीईओ करेंगे निगरानी
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) के सीईओ की इस अभियान में अहम भूमिका रहेगी. वो खुद रोजाना सुबह 09.00 बजे, ‘हाई रिस्क देशों’ और ‘At Risk देशों’ से पिछले 24 घंटों में मुंबई पहुंचने वाले विदेशी यात्रियों और उन लोगों, जिन्होंने बीते 15 दिनों में ऐसे देशों का सफर किया होगा उनकी एक सिंगल लाइन लिस्ट निर्धारित फॉर्मेट में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के जरिए आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management) के निदेशक महेश नार्वेकर को भेजेंगे.
इसके जरिए ये सुनिश्चित किया जाएगा कि इस लिस्ट से कोई नाम छूट न जाए और सिर्फ उन्हीं यात्रियों के नाम सूची में शामिल किए जाएं जिन्होंने अपने पते में MCGM ज्यूरिडिक्शन का उल्लेख किया है|
2. डिजास्टर मैनेजमेंट का रोल
आपदा प्रबंधन इकाई के निदेशक महेश नार्वेकर ऐसा सॉफ्टवेयर डिजाइन करेंगे जिससे इन यात्रियों को उनके एड्रेस के आधार पर मुंबई के 24 वार्डों में बांटा जा सके. इसके बाद सुबह 10 बजे तक सभी 24 वार्डों के वॉर रूम और वार्ड के मेडिकल ऑफिसर को उनके एरिया के ऐसे यात्रियों की पूरी लिस्ट मिल जाए ये सुनिश्चित किया जाएगा.
3. यूं काम करेगा वॉर रूम
आपदा प्रबंधन इकाई से रोजाना सुबह 10 बजे ऐसे यात्रियों की सूची प्राप्त होने के बाद वॉर रूम सभी यात्रियों को टेलीफोन कॉल करेगा और विनम्रता से उन्हें सूचित करेगा कि वे 7 दिन होम क्वारंटाइन में हैं. वे यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल के बारे में उचित जानकारी प्रदान करेंगे और उनकी चिंताओं पर परामर्श देंगे. और साथ ही दिन में पांच बार बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की स्थिति जानकर ये सुनिश्चित करेगा कि ये यात्री होम क्वारंटाइन प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रहे हैं.
हाउसिंग सोसाइटी की भूमिका
वॉर रूम ऐसे सभी यात्रियों के बारे में उनकी हाउसिंग सोसाइटी के पदाधिकारियों को उनके होम क्वारेंटाइन के बारे में सूचित करेगा जो ये सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे घरों में किसी भी विजिटर को आने की अनुमति नहीं होगी और किसी भी तरह के उल्लंघन की जानकारी बीएमसी (BMC) को देंगे.
वॉर रूम नियमित रूप से अपनी मेडिकल टीमों को एंबुलेंस के साथ यह जांचने के लिए भेजेगा कि क्या ये यात्री होम क्वारेंटाइन प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं या नहीं
होम क्वारेंटाइन के 7वें दिन वॉर रूम यह सुनिश्चित करेगा कि यात्री अपनी मर्जी से RT-PCR टेस्ट कराएं. होम क्वारेंटाइन किए गए यात्रियों में कोई लक्षण दिखाई देने पर, वॉर रूम उन्हें जरूरत के हिसाब से उपचार और अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देगा. ऐसे यात्रियों को वॉर रूम टेलीफोन पर अपने स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से 24×7 परामर्श यानी कंसल्टेशन (Doctor Consultation) दिलवा सकता है.
कड़ी सजा का प्रावधान
होम क्वारेंटाइन प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ महामारी अधिनियम, 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की संबंधित धारा के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत उन्हें मैंडेटरी इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा.
4. मेडिकल विभाग की मुस्तैदी
अब सभी वार्ड ऑफिसर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके वॉर रूम में पर्याप्त रूप से कर्मचारी कार्यात्मक हों, सभी फोन लाइनें पूरी तरह एक्टिव होंगी. वहीं हर वॉर रूम में 10 एंबुलेंस भी हरदम तैयार रहेंगी.