कोरोना की चौथी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है। साउथ अफ्रीका के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रोन के कई नए वेरिएंट लोगों में मौजूद पहले की एंटीबॉडीज को भी चकमा दे सकती हैं। उन्होंने राहत देने वाली बात यह कही है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उनके ब्लड में ये वायरस ज्यादा असर नहीं दिखा पाएंगे।
कई संस्थानों के वैज्ञानिकों ने मिलकर ओमिक्रोन बीए.4 और बीए.5 वेरिएंट का अध्ययन किया। इसे पिछले महीने WHO ने मॉनिटरिंग लिस्ट में शामिल किया था। अध्ययन के दौरान 39 ऐसे लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया जो पहले भी ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके थे। इनमें से 15 को कोरोना वैक्सीन भी लगी थी। 8 लोगों को फाइजर का शॉट दिया गया था, 7 को जॉनसन ऐंड जॉनसन और 24 ऐसे लोग थे जिन्हें कोई वैक्सीन नहीं लगी थी।
इस अध्ययन में कहा गया, ‘जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उनमें पांच गुना ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता है और वे ज्यादा सुरक्षित हैं।’ जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी उनमें एंटीबॉडीज की संख्या भी 8 गुना कम थी। ये भी बीए.1 से संक्रमित हो चुके थे लेकिन इनमें बीए.4 और बीए.5 से लड़ने की क्षमता बेहद कम थी।
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अधिकारियों और वैज्ञानिकों का कहना है कि साउथ अफ्रीका में कोरोना की पांचवी लहर समय से पहले ही आने वाली है। उनका कहना है कि यह लहर बीए.4 और बीए.5 की वजह से आ सकती है। बता दें कि साउथ अफ्रीका की 6 करोड़ की आबादी में अभी केवल 30 फीसदी को ही टीका लग पाया है।