Bihar Law Minister Warrant: बिहार (Bihar) के कानून मंत्री (Law Minister) कार्तिक कुमार (Kartik Kumar) के खिलाफ कोर्ट की तरफ से वारंट (Warrant) जारी किया गया है. मंत्री पद की शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर किडनैपिंग मामले (Kidnapping) में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है. बता दें कि बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार (Law Minister Kartik Kumar) के खिलाफ वारंट साल 2014 के बिल्डर के अपहरण के मामले में कोर्ट की तरफ से जारी हुआ है. कानून मंत्री कार्तिक कुमार आरजेडी के कोटे से मंत्री बने हैं. किडनैपिंग का यह मामला दानापुर इलाके के बिल्डर के अपहरण का है. इस केस में कार्तिक कुमार आरोपी हैं. कोर्ट में पेशी पर कार्तिक कुमार के नहीं पहुंचने का आरोप है.
कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट
जान लें कि बिहार सरकार का कैबिनेट विस्तार कल यानी मंगलवार को हुआ था, जिसमें साथी मंत्रियों के साथ कार्तिक कुमार ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. कार्तिक कुमार को कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. लेकिन इस बीच उनके खिलाफ ही वारंट जारी होने से बिहार की जेडीयू-आरजेडी गठबंधन सरकार की किरकिरी हो रही है.
अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं मंत्री कार्तिक कुमार
बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार को बाहुबली अनंत सिंह का करीबी बताया जाता है. उनके ऊपर वसूली समेत कई गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं. मंगलवार को जब बिहार सरकार के मंत्रियों के नाम की घोषणा हुई तब पता चला कि कई बाहुबलियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. इनमें ललित यादव, सुरेंद्र राम और कार्तिक कुमार का नाम शामिल है.
किसको मिला कौन सा मंत्रालय?
गौरतलब है कि मंगलवार को बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट के विस्तार के कुछ ही देर बाद मंत्रालयों और विभागों का भी बंटवारा कर दिया गया था. सीएम नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग और गृह मंत्रालय अपने पास रखा. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य मंत्रालय सौंप दिया गया. वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी विजय कुमार चौधरी को मिली तो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
इसके अलावा कार्तिक कुमार को कानून मंत्रालय, जितेंद्र कुमार राय को कला संस्कृति एवं युवा विभाग, सुधाकर सिंह को कृषि मंत्रालय, जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण और मुरारी प्रसाद गौतम को पंचायती राज की जिम्मेदारी मिली.