पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधान मंडल में बड़ा ऐलान किया. सीएम ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 50 से 65 करने का प्रस्ताव रखा है. ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित करते हुए प्रस्तावित आरक्षण के बारे में कहा कि एससी 20 प्रतिशत, एसटी 2 फीसदी, ओबीसी और ईबीसी के 43 प्रतिशत के साथ ईडब्ल्यूएस 10 प्रतिशत आरक्षण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत आरक्षण का दायरा है, सवर्ण के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण है, पिछड़ा और अति पिछड़ा के लिए आरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत आरक्षण के दायरे को 65 प्रतिशत किया जाए.
इससे पहले सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कुछ लोग कहते हैं कि इस जाति की जनसंख्या बढ़ गई या घट गई, लेकिन ये बताइए कि जब इससे पहले जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है, तो आप कैसे कह सकते हैं कि इस जाति की संख्या बढ़ गई या घट गई? हम शुरुआत से केंद्र सरकार से कहते आए हैं कि वे भी जातिगत जनगणना करें. 2021-2022 में जो जनगणना होनी थी, वो नहीं हुई तो जितना जल्दी हो सके शुरू करें.’
जाति गणना रिपोर्ट के बाद सदन में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण पर नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब परिवार को दो लाख रुपए की मदद दी जाएगी, ताकि उसकी हालत बेहतर हो. जिनके पास आवास नहीं है, उनका आवास बनवाया जाएगा. ज़मीन ख़रीदने के लिए 1.20 लाख रुपए सहायता दी जाएगी. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का सवाल एक बार फिर उठाते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में जो रिपोर्ट आया है उसे केंद्र की सरकार को भेज देंगे. इसके आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करेंगे.
सीएम ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है न्याय के साथ विकास करना, और हम उसी रास्ते पर चल रहे हैं. आज हमने जो फ़ैसला किया है, उसे लागू करने के लिए इसी सत्र में क़ानून लाया जाएगा.