रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्थिर रखने का किया फैसला

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के नतीजों का ऐलान हो गया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक में लिए गए फैसलों के बारे बताते हुए कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी इन दरों को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. बैठक में मौजीद 6 में से पांच सदस्य रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में थे.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में आखिरी बार बीते साल 8 फरवरी, 2023 को इजाफा किया था. तब आरबीआई ने इसे 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था. तब से लगातार छह MPC बैठक में इन दरों को यथावत रखा गया है और इस बार भी पहले से ही इसमें कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद जताई जा रही थी. Repo Rate के साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर रखा है. MSF रेट और बैंक रेट 6.75% पर बरकरार है. जबकि, SDF रेट 6.25% पर स्थिर है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिदांस कांत ने रेपो रेट को स्थिर रखने के ऐलान के साथ ही महंगाई को लेकर कहा कि खाने-पीने चीजों की कीमतों (Food Inflation) पर मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की नजर है. महंगाई में नरमी देखने को मिल रही है. इसे देखते हुए MPC बैठक में महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी पर कायम रखा गया है. शक्तिकांत दास ने GDP Growth को लेकर कहा कि FY24 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी के ऊपर रखा गया है. इससे पहले के अनुमान में भी रिजर्व बैंक ने इस 7.3 फीसदी पर रखा था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण सेक्टर में डिमांड में लगातार मजबूती दिख रही है.

रेपो रेट वह दर है, जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. वास्तव में रेपो रेट का असर आम लोगों द्वारा बैंकों से लिए गए लोन की ईएमआई पर देखने को मिलता है. अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो आम लोगों की होम और कार लोन की ईएमआई घट जाती है और अगर रेपो रेट में इजाफा होता है तो कार और होम लोन की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाती है.

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