दो शादियों की परमिशन नहीं,चाहे मजहब कुछ भी हो, सरकार ने लागू किया कानून…

असम की हिमन्त बिस्व सरमा सरकार ने नया फरमान जारी किया है. राज्य में अब सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसकी पत्नी या पति जीवित हो, वो सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं कर सकता.

असम सरकार ने इस संबंध में सर्कुलर भी जारी कर दिया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है. जिसके मुताबिक बिना सरकार की अनुमति के कोई व्यक्ति दूसरी शादी नहीं कर सकता, भले ही धर्म या पर्सनल लॉ के तहत उसे ऐसी अनुमति क्यों ना हो. नियमों की अनदेखी करने पर कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई होगी.

सर्कुलर में यह भी लिखा हुआ है कि विशेष परिस्थितियों में सरकार से अनुमति लेकर दूसरी शादी की जा सकती है. हालांकि इसमें तलाक के मानकों के बारे में कोई बात नहीं लिखी.

राज्य कार्मिक विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नीरज वर्मा की ओर जारी सर्कुलर में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई कर्मचारी आदेश के खिलाफ दूसरी शादी करता है तो उन पर कम्पल्सरी रिटायरमेंट समेत अन्य दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है. किसी भी सरकारी कर्मचारी को दूसरी शादी करना अच्छे आचरण की श्रेणी में नहीं आता. इससे समाज पर बुरा असर पड़ता है.

बता दें कि राज्य के 58 साल पुराने असम सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत इस सर्कुलर को जारी किया गया है. इसके नियम 26 आधार बनाते हुए सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को दूसरी शादी के नियम की याद दिलाई है.

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