इस मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ पाता कोई विमान या पक्षी, हवा के विपरीत लहराता है झंडा

नई दिल्ली: जगन्नाथ पुरी चार धामों में से एक है. यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है. यहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर की महिमा और चमत्कार दुनिया में प्रसिद्ध है. जानते हैं जगन्नाथ मंदिर से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य और अद्भुत चमत्कार के बारे में.

मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ पाता है कोई भी विमान

जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसकी देखरेख गरुड़ पक्षी करता है. गरुड़ को पक्षियों का राजा माना जाता है. ऐसे में अन्य पक्षी इस मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ते हैं. वहीं जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपरी हिस्से में आठ धातुओं से बना एक चक्र लगा है. इसे नीलचक्र कहा जाता है. मान्यता है कि यह चक्र मंदिर के ऊपर से उड़ने वाले हवाई जहाजों में रुकावट पैदा करता है. इसलिए इस मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान उड़ नहीं पाते हैं.

हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा

आमतौर पर कोई भी झंडा हवा के अनुकूल फहराता है. लेकिन इस मंदिर के शीर्ष पर लगा झंडा हवा के विपरीत दिशा में फहराता है. झंडे के इस रहस्य को लेकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं.

मंदिर का प्रवेश द्वार है अद्भुत

जगन्नाथ पुरी मंदिर के चार दरवाजे हैं. मुख्य द्वार को सिंहद्वारम कहा जाता है. करते हैं कि इस द्वार से मंदिर में प्रवेश द्वार पर समुद्र के लहरों की आवाज सुनाई पड़ती है. लेकिन मंदिर में प्रवेश करते ही लहरों का शोर खत्म हो जाता है.

प्रसादम पकाने की परंपरा है अनोखी

भगवान को भोग लगाने के लिए प्रसादम पकाने की परंपरा है. प्रसादम पकाने के लिए सात बर्तन एक दूसरे पर चढ़ाए जाते हैं. पहले सबसे ऊपर वाले बर्तन का प्रसाद तैयार होता है. उसके बाद क्रमशः अन्य बर्तनों के प्रसाद तैयार होते हैं. हैरान करने वाली बात है कि प्रसादम पकाने के लिए जली हुई लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है.

 

 

 

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