गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन गांधीनगर में रोड शो किया और लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कई मुद्दे पर विस्तार से अपनी बात रखी।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान से सिंधु जल संधि तोड़ लेने पर पीएम मोदी ने कहा कि अभी तो मैंने कुछ किया ही नहीं है और वहां पसीने छूट गए हैं। बकौल पीएम मोदी, ‘हम अपने काम में लगे थे, प्रगति की राह पर चले थे, हम सबका भला चाहते हैं और मुसीबत में मदद भी करते हैं, लेकिन बदले में खून की नदियां बहती हैं… 1960 में जो सिंधु जल समझौता हुआ है। अगर उसकी बारीकी में जाएंगे तो आप चौंक जाएंगे।’
‘संधि में यहां तक तय हुआ कि जो जम्मू-कश्मीर की अन्य नदियों पर बांध बने हैं, उनकी सफाई का काम नहीं किया जाएगा। उसके लिए गेट नहीं खोले जाएंगे। 60 साल तक गेट नहीं खोले गए। जिससे बांध में शत प्रतिशत पानी भरना चाहिए था, धीरे-धीरे उसकी क्षमता कम हो गई। क्या मेरे देशवासियों को पानी पर अधिकार नहीं है क्या? अभी हमने कुछ ज्यादा किया नहीं है और वहां पसीना छूट रहा है। हमने सफाई शुरू की है, इतने से वहां बाढ़ आ जाती है।’
आतंक के मोर्चे पर पाकिस्तान फिर निशाने पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘6 मई की रात जो लोग मारे गए, पाकिस्तान में उन जनाजों को स्टेट ऑनर दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, वहां की सेना ने उनको सैल्यूट किया।’
‘ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है, ये आपकी (पाकिस्तान) सोची-समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।
#WATCH गांधीनगर, गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम अपना काम में लगे थे प्रगति की राह पर चले थे, हम सबका भला चाहते हैं और मुसीबत में मदद भी करते हैं लेकिन बदले में खून की नदियां बहती हैं… 1960 में जो सिंधु जल समझौता हुआ है अगर उसकी बारीकी में जाएंगे तो आप चौंक… pic.twitter.com/eV6hnEZ47V
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 27, 2025
उसी समय ले लेना था पीओके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘1947 में जब मां भारती के टुकड़े हुए, ‘कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन काट दी गई भुजाएं’। देश के 3 टुकड़े कर दिए गए। उसी रात पहला आतंकवादी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया।
‘अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता, सरदार पटेल की इच्छा थी कि जब तक PoK वापस नहीं आता है सेना रुकनी नहीं चाहिए लेकिन सरदार साहब की बात मानी नहीं गई। ये मुजाहिदीन जो लहू चख गए थे वे सिलसिला 75 साल से चला आ रहा है।
‘पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था। 75 साल तक हम झेलते रहे। पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटाई। पाकिस्तान समझ गया है कि वे भारत से जीत नहीं सकता है।’