रायपुर। वन विभाग के टेंडर गड़बड़ी की प्रारंभिक जांच में नौ अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इनमें छह भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज विधानसभा को बताया कि प्रारंभिक जांच में इन अधिकारियों को दोषी पाया गया है। उन्हें नोटिस दी गई है, जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के प्रश्न के उत्तर में वन मंत्री ने बताया कि ये सही है कि 37 में से 33 निविदाओं में गडबड़ी पाई गई। इसमें भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। दोषी अधिकारियों में छह आईएफएस अधिकारी हैं…इनमें धमतरी के तत्कालीन डीएफओ अमिताभ बाजपेयी, विष्णु नायर, आयुष जैन, एसटाइलो मंडावी, विजया कुर्रे का नाम शामिल है। तीन राज्य वन सेवा के अधिकारी हैं। हालांकि, प्रश्नोतरी में दोषी आईएफएस की संख्या 7 दी गई है। मगर वन मंत्री ने आज संशोधित जवाब में आईएफएस की संख्या छह और राज्य वन सेवा अधिकारियों की संख्या तीन बताया। बताते हैं, कई डीएफओ, टाईर रिजर्वो और अभयारण्यों के अधिकारियों ने अलग-अलग राशि का टेंडर करने की बजाए पूरा गोलमोल कर एक साथ टेंडर कर दिया। इससे जाहिर होता है कि टेंडर के पीछे अधिकारियों का इरादा सरकारी पैसा का गबन करना था.